मोबाइल फोन निकालने के लिए 21 लाख लीटर पानी किया बर्बाद, अब अधिकारी को नोटिस – पानी की कीमत क्यों न आपसे वसूली जाए

 

छत्तीसगढ़ के एक फूड इंस्पेक्टर को महंगे फोन को ढूंढने के लिए एक डैम के बड़े जलाशय का 21 लाख लीटर पानी बर्बाद करने के चलते निलंबित किए जाने के कुछ दिनों बाद अब सरकार ने उनके वरिष्ठ को भी इस मामले में घेरा है, जिन्होंने उन्हें जलाशय का पांच फीट तक पानी खाली करने की अनुमति दी थी. इंद्रावती परियोजना के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरके धीवर से 26 मई को पत्र लिखकर पूछा गया कि व्यर्थ पानी की कीमत क्यों ना उनके वेतन से वसूली जाए. नोटिस में लिखा गया कि गर्मियों के दौरान सिंचाई और अन्य उद्देश्यों के लिए सभी जलाशयों में पानी कितना जरूरी होता है ये सभी जानते हैं

कांकेर जिले के कोइलीबेड़ा ब्लॉक के एक फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास खेरकट्टा बांध के परालकोट जलाशय (Reservoir) के पास छुट्टी मना रहे थे, जब उन्होंने दोस्तों के साथ सेल्फी लेते हुए गलती से अपना 1 लाख रुपये का स्मार्टफोन गिरा दिया. यह बांध के वेस्ट वियर के स्टेलिंग बेसिन में गिर गया, जिसमें 15 फीट गहरा पानी था. स्थानीय लोगों ने इसे खोजने की कोशिश की, लेकिन जब प्रयास विफल रहा तो अधिकारी ने दो बड़े 30 एचपी डीजल पंप तीन दिनों तक लगातार चलाए और 21 लाख लीटर पानी खाली कर दिया जो कि 1,500 एकड़ खेत की सिंचाई के लिए पर्याप्त था.

राजेश विश्वास ने बताया कि गर्मियों के दौरान भी इस क्षेत्र में 10 फीट से अधिक गहरा पानी होता है और जानवर भी अक्सर इसी से पानी पीते हैं. इसके पानी को नहर के जरिए किसान भी इस्तेमाल करते हैं. राजेश विश्वास ने दावा किया था कि फोन में डिपार्टमेंट से जुड़ा अहम डेटा था और पानी ‘अनुपयोगी’ था. मैं रविवार को अपने कुछ दोस्तों के साथ छुट्टी के दिन नहाने के लिए डैम पर गया था. मेरा फोन वहां गिर गया. यह 10 फीट गहरा था. स्थानीय लोगों ने इसे खोजने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे.  उन्होंने मुझे बताया कि अगर पानी दो-तीन फीट कम हो तो वे निश्चित रूप से इसे ढूंढ सकते हैं. मैंने SDO को फोन किया और उनसे अनुरोध किया कि अगर ऐसा करने में कोई समस्या नहीं है तो मुझे इससे पानी निकलवाने की अनुमति दें. अनुमति के बाद मैंने स्थानीय लोगों की मदद से तीन फीट पानी निकाला और अपना फोन वापस ले लिया.

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