झांसी में 19 लाख रुपए की लूट का पुलिस ने 72 घंटे में ही खुलासा कर दिया। दरअसल, सीमेंट कारोबारी के मुनीम ने ही लूट की मनगढ़ंत कहानी रची थी। वह IPL सट्टा में करीब 20 लाख रुपए हार गया था। मालिक के पैसों से वह कर्जा उतारना चाहता था।
शनिवार रात को पूंछ थाना क्षेत्र से मामला सामने आया था। इसमें उसका एक दोस्त भी शामिल था। मुनीम ने दोस्त को रकम देकर घर भेज दिया था और लूट का झूठा नाटक किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर उनसे 19 लाख कैश, 3 आईफोन समेत 4 मोबाइल और दो बाइक बरामद की हैं।
IPL सट्टा में बर्बाद हुए दोनों
SSP राजेश एस ने बताया, लूटकांड में आईटीआई सिद्धेश्वर नगर निवासी दीपेंद्र सिंह परमार और उसके दोस्त आईटीआई ब्रह्मनगर कॉलोनी निवासी मनोज अहिरवार को गिरफ्तार किया है। दीपेंद्र मूलरूप से मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के बरौरा पहाड़ गांव का रहने वाला है। वह सीमेंट कारोबारी मिशन कंपाउंड सर्वनगर सीपी निवासी अजय कुमार साहू के पास मुनीम था। दोनों आरोपी IPL सट्टे में 20 से 22 लाख रुपए हार गए थे। दोनों पर काफी कर्जा हो गया था। IPL सट्टेबाजी में दोनों बर्बाद हो गए थे।
मालिक के पैसे देख आया लालच
SSP के मुताबिक, दोनों आरोपियों पर काफी कर्जा हो गया था। वे किसी भी कीमत पर कर्जा उतारना चाहते थे। 27 मई को मालिक अजय कुमार साहू ने मुनीम दीपेंद्र को अपने ऑफिस में बुलाया और पेमेंट लेने के लिए जालौन के कोंच भेज दिया। यह सुनते ही उसके मन में लालच आ गया।
उसने दोस्त मनोज अहिरवार को बुलाया और रुपए हड़पने के लिए फर्जी लूट की साजिश रची। ताकि किसी को शक न हो और रकम भी मिल जाए। दोनों अपनी-अपनी बाइक से कोंच के लिए रवाना हो गए। मनोज कोंच से पहले रुक गया और दीपेंद्र के लौटने का इंतजार करने लगा। वहीं, दीपेंद्र सीधे संजय अग्रवाल की दुकान पर पहुंचा।
संजय से 19 लाख रुपए की पेमेंट लेकर वह बाइक से झांसी के लिए रवाना हो गया। रास्ते में उसे मनोज मिल गया। दोनों सेसा रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंचे तो दीपेंद्र ने रुपए से भरा बैग और अपने दोनों मोबाइल स्विच ऑफ करके मनोज को दे दिए। दीपेंद्र ने घर से लेकर गए मिर्ची का पाउडर अपनी आंखों में डलवाया और मनोज को घर के लिए रवाना कर दिया।