तीसरी बेटी हुई तो पिता ने जमीन में पटककर ले ली नवजात की जान

 

 

”हाय रे! मेरी फूल सी बच्ची, मेरी परी…अभी उसे जी भर के सीने से लगा भी नहीं पाई थी कि उसे मार डाला गया। मेरी बिट्टी, मेरी गुड़िया…को मुझसे छीन लिया।” यह दर्द है पीलीभीत की रहने वाली शब्बो का। 3 दिन पहले शब्बो ने बेटी को जन्म दिया। लेकिन उसकी मौत हो गई। आरोप पति फरहान पर हत्या करने का है।

खानका मोहल्ले की रहने वाली शब्बो की शादी 8 साल पहले सिरसा गांव के फरहान से हुई थी। शादी के बाद शब्बो ने दो बेटियों को जन्म दिया। तीसरी बेटी को रविवार (28 मई) को जन्म दिया। पति फरहान डिलीवरी के बाद सोमवार को जब अस्पताल पहुंचा तो नवजात को गोद में लिया। इसके बाद फरहान ने जैसे ही देखा कि वह बेटी है, उसने जमीन पर पटक दिया। इससे बच्ची की मौत हो गई।

“बेटियां हैं, इसलिए पति मुझे मारते थे”
हम जब शब्बो के पास गए, तो वो रो रही थी। हमसे बात करते हुए शब्बो ने कहा, ”मेरी दो बेटियां थीं, इस बात को लेकर मेरे हसबैंड हमेशा मुझे मारते रहते थे। जब मैं गर्भवती थी, तब भी मेरे हसबैंड मुझे पीटते थे। मेरे मायके वाले मुझे डिलीवरी के लिए यहां लेकर आए थे।”

“वो (पति) यहां आया लेकिन खून की कमी की बात कहकर चला गया। इसके बाद जब वो लौटा तो मैं बेटी को जन्म दे चुकी थी। अब मेरी बेटी मेरे पास नहीं है। हाय मेरी बच्ची, मेरी बच्ची को मुझे लौटा दो।” यह कहते हुए शब्बो का गला भर गया। वह रोने लगी।”

“सिजेरियन डिलीवरी के बाद फरहान और उसके परिवार ने की गाली-गलौज”
शब्बो की मां नसरीन बेगम ने कहा, ”हम गर्भवती बेटी को दिनेश नर्सिंग होम लेकर आए थे। यहां उसकी ऑपरेशन से डिलीवरी हुई। डिलीवरी के पहले ही फहरान और उसके परिवार वालों ने जमकर गाली-गलौज की और अस्पताल से चले गए। डिलीवरी के बाद नवजात बच्ची की हालत बिगड़ रही थी। इसके बाद हम जच्चा-बच्चा दोनों को लेकर मायसा अस्पताल पूरनपुर गए। यहां उन्हें भर्ती करवाया गया।”

नसरीन बताती हैं, ”यहां भी दोनों को बाहर इलाज कराने की बात कही गई। इसी दौरान फरहान आया। हमारी दूसरी बेटी सुनैना ने उसकी गोद में बेटी दे दी। तभी उसने बच्ची को जमीन पर पटक दिया।”

“वो लड़कियों के नाम से चिढ़ते हैं”
नसरीन के बाद हमने शब्बो की बहन सुनैना से बात की। सुनैना ने कहा, ”वो लोग लड़कियों के नाम से चिढ़ते हैं। दीदी को पहले ही दो बेटियां थीं। फरहान दीदी को अस्पताल में छोड़कर चला गया था। जब वापस आया, तो हमने कहा ये लो अपनी बेटी। बस, उसने बच्ची को फेंक दिया। उसको चोट आई, फिर वो मर गई। वो लोग पहले ही शब्बो दीदी को बहुत मारते-पीटते थे। ससुराल वाले और फरहान दोनों कहते थे कि दूसरी शादी कर लेंगे। उस दिन भी यही कहकर चले गए।”

“मेरे पापा…मेरी मम्मी को मारते हैं”
मौके पर शब्बो की दो छोटी बेटियां भी थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या हुआ? तो उन्होंने भी कहा, ”मेरे पापा मेरी मम्मी को मारते हैं। मम्मी मेरी अस्पताल में हैं।” फिलहाल, तहरीर मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। पूरनपुर इंस्पेक्टर उमेश कुमार ने बताया कि घटना संज्ञान में आई है, मामले की जांच की जा रही है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.