खेलो इंडिया युनिवर्सिटी गेम्स में ब्लाइंड फोल्ड दीप योग का प्रदर्शन कर निशा ने बटोरी शाबाशी

रोहित सेठ

 

 

 

*यूपी योगासन की ब्रांड एंबेसडर नोएडा की निशा शर्मा के नाम दर्ज हैं कई कीर्तिमान

 

*खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अतिथि एथलीट के रूप में किया योग का प्रदर्शन

 

 

वाराणसी। यूपी योगासन की ब्रांड एंबेसडर निशा शर्मा ने यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। आईआईटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवासन स्पोर्ट्स एक्टिविटी सेंटर में गुरूवार की दोपहर निशा ने अतिथि खिलाड़ी के तौर पर अपने योग कौशल का प्रदर्शन कर सबको चकित कर दिया। उन्होंने ब्लाइंड फोल्ड दीप योग का प्रदर्शन किया। अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधकर माथे पर जलता दीपक रखकर अनोखे तरीके से योग करने वाली निशा दुनिया की इकलौती योगासन एथलीट हैं। उन्हें फर्स्ट गर्ल ऑफ ब्लाइंड फोल्ड दीप योग के नाम से जाना जाता है। निशा अपने हैरतअंगेज प्रदर्शन से गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में 2019 में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय योगासन चैंपियनशिप में नोएडा की रहने वाली निशा शर्मा भारत के लिए कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। चार साल की उम्र से योगासन कर रही निशा भारत की पहली इकलौती महिला योगासन एथलीट हैं जिन्होंने सर्वाधिक एक घंटा 50 मिनट तक पद्मासन कर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। निशा शर्मा के दो छोटे भाई भी हैं जो राष्ट्रीय स्तर के योगासन एथलीट हैं इन्होंने भी निशा की ही तरह योगासन में कई पदक और पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

बातचीत में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की बीए प्रथम वर्ष की छात्रा निशा ने बताया कि वे दिव्यांग तेजस्वी शर्मा की प्रेरणा से योग के क्षेत्र में आईं। कहा कि शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए हरेक इंसान को रोजाना दस मिनट योगासन जरूर करना चाहिए। टेलीविजन और मोबाइल फोन हमारे जीवन में तनाव बढ़ा रहा है। ऐसे में इस तनाव से निजात पाने के लिए योग से बेहतर कुछ भी नहीं। निशा का भी सपना ओलंपिक का गोल्ड मेडल है। उन्होंने कहा कि साल 2032 में योग ओलंपिक खेलों का हिस्सा हो सकता है। योग फेडरेशन इस दिशा में कई साल से प्रयास कर रहा है। अब तक जो भी प्रयास हुए हैं उसका सकारात्मक नतीजा सामने आया है। पूरी उम्मीद है कि 2032 के ओलंपिक में योगासन जरूर शामिल होगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया की पहल से भारत के योगासन एथलीटों को न केवल एक बड़ा टूर्नामेंट मिल रहा है बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का एक बड़ा मंच भी मिला है।

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