रोहित सेठ
वाराणसी । अखिल भारतीय सनातन समिति द्वारा जैतपुरा स्थित मां बागेश्वरी देवी के प्रांगण में चल रही श्री रामकथा के तीसरे दिवस शनिवार की रात्रि में प्रसंग सुनाते हुए पूज्य संत बालक दास जी महाराज ने कहा कि चौथे पन महाराज दशरथ को एक भी संतान नही हुए, यह उन्होंने सोच कर मेरे बाद मेरी राजगद्दी कौन संभालेगा। यह जब उन्हे चिंता हुई तो वह सीधे अपने कुलगुरु वशिष्ठ जी के पास पहुंचे और अपनी इच्छा उन्हे बताई। तब गुरू वशिष्ठ ने कहा कि पुत्र कामाग्नि यज्ञ के द्वारा इसका निदान संभव हैं। तब उन्होंने महर्षि श्रींगी ऋषि से इस यज्ञ को सम्पन्न कराने का सुझाव दिया। उनका आदेश पाकर राजा सीधे राजमहल में आकर उसकी तैयारी में लग गए और यज्ञ पूर्ण होने के पश्चात् महर्षि श्रींगी ऋषि ने खीर प्रसाद स्वरूप तीनों रानियों व महाराज दशरथ को दिया। उन लोगों ने उसे सहर्ष ग्रहण किया। सही समय पर महाराज के यहां चारों पुत्रों के जन्म का समाचार जब राजा को मिला तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इस अवसर पर पूरा पंडाल प्रभु श्री राम के जयकारे से गूंज उठा। इसके बाद सौभाग्यवती महिलाएं सोहर गाकर भावपूर्ण भक्ति से जब सामूहिक रूप से नृत्य करने लगी तब वहां का वातावरण राममय हो उठा।
इस अवसर पर व्यासपीठ की आरती ज्ञानचन्द मौर्य, डॉ अजय जायसवाल, विष्णु गुप्ता, रवि शंकर सिंह, रवि प्रकाश, जय शंकर गुप्ता, छेदीलाल, सुजीत कुमार, मुन्नूलाल,ममता, ज्योति प्रजापति, सुमन सिंह, भैयालाल जायसवाल, अभय स्वाभिमानी, प्रमोद यादव, बृजेश जायसवाल, राजेश सेठ ने की।