भोपाल की रहने वाली दिव्या शर्मा की शादी अगस्त में थी। वे दो महीने पहले तक अपनी शादी की शॉपिंग में व्यस्त थी। आज दिव्या इस दुनिया में नहीं है।
वजह– शादी के लहंगे में खूबसूरत दिखाने के लिए दिव्या ने लिपोसक्शन करवाया था।
दरअसल दिव्या को लगता था कि उनका वजन ज्यादा है इसलिए लहंगे में खूबसूरत और फिट नहीं लगेगी। उसने वजन को कम करने की तमाम कोशिश करी।
फिर इंदौर के अर्पित अस्पताल में वजन कम कराने के लिए लिपोसक्शन सर्जरी कराने गईं। जहां सर्जरी के दौरान उनकी मौत हो गई।
यह कम समय में मोटापा कम करने की टेक्नोलॉजी है। इसमें शरीर के अलग-अलग पार्ट से एक्स्ट्रा फैट को बाहर निकालकर शरीर को सुडौल बनाया जाता है।
इस सर्जरी में जांघों, कूल्हों, पेट, गर्दन, ठोढ़ी, कंधों, छाती और कमर पर से फैट यानी चर्बी को कम किया जाता है।
दिव्या जैसे कई लोग अपने वजन को कम करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कभी कभार ये जानलेवा भी हो जाते हैं।
सवाल: किन लोगों को गलती से भी लिपोसक्शन सर्जरी नहीं करानी चाहिए?
जवाब: पॉइंट्स से पढ़ें…
- जो लगातार धूम्रपान करते हैं।
- जिन्हें लिवर प्रॉब्लम हो।
- जब थोड़े से कट में भी तेज ब्लीडिंग होती हो।
- शुगर पेशेंट जिनके घाव देर में भरते हो ।
- हार्ट और किडनी पेशेंट।
- किसी तरह की एलर्जी हो।
इस सर्जरी के लिए जाने से पहले 3 बातें याद रखें
- उम्र अधिक है तो जवान लोगों की तरह इस सर्जरी के रिजल्ट नहीं मिलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि त्वचा उम्र के साथ ढीली होने लगती है।
- लिपोसक्शन मोटापे का इलाज करने के लिए नहीं किया जाता है।
- लिपोसक्शन से ढीली त्वचा ठीक नहीं होती है।
सवाल: इस सर्जरी का प्रोसेस क्या है?
जवाब: इस सर्जरी को एक एक्सपीरिएंस्ड प्लास्टिक सर्जन करता है। सर्जन आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखता है।
कम से कम एक हफ्ते पहले खूब को पतला करने वाली दवाएं, नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, हर्बल दवाओं जैसी कुछ दवाओं को बंद करने की सलाह दी जाएगी।
सर्जरी शुरू करने से पहले, सर्जन मरीज को एनेस्थीसिया देने से पहले कुछ ब्लड टेस्ट कराते हैं।
जिसकी वजह से मरीज को इस सर्जरी के दौरान जरा भी दर्द या दूसरी परेशानी नहीं होती है।
उसके बाद सर्जन सर्जरी की जाने वाली जगह पर एक छोटा सा कट लगाते हैं। उसके जरिए एक कैनुला ट्यूब अंदर डालते हैं।
कैनुला एक पतली ट्यूब है, जिसे शरीर में नसों के जरिए इंजेक्ट किया जाता है, ताकि जरूरी तरल पदार्थ को शरीर से निकाला (नमूने के तौर पर) या डाला जा सके। इसे आमतौर पर इंट्रावीनस कैनुला कहा जाता है।
कैनुला वहां मौजूद एक्स्ट्रा फैट को ढीला करता है और फिर सर्जिकल वैक्यूम या सिरिंज की मदद से फैट को शरीर से बहार निकाल दिया जाता है।
आमतौर पर इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग आधा से एक घंटा का समय लगता है, लेकिन फैट ज्यादा होने पर इस प्रोसेस में बदलाव भी आ सकता है।