लखनऊ कोर्ट शूटआउट केस में 18 महीने की बच्ची और उसकी माँ को केजीएमयू ट्रामा सेंटर में देखने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ

 

लखनऊ में कैसरबाग का SC/ST कोर्ट। इस कोर्ट में बुधवार को गाजीपुर गांव के रहने वाले जगदीश उर्फ आनंद की पेशी थी। जमीनी विवाद में जमानत के लिए उनको कोर्ट में पेश होना था। जगदीश के साथ उनका बेटा सौरभ, बहू नीलम और 18 महीने की पोती लक्ष्मी उर्फ लाडो भी आई थी।

जमानत मिलेगी या नहीं? इसको लेकर सभी परेशान थे। अपनी पेशी का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच, शाम 4:50 पर कोर्ट रूम के गेट में ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। शूटआउट हुआ। इसमें पश्चिमी यूपी का बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मारा गया।

 

सीएम योगी पहुंचे KGMU के ट्रॉमा सेंटर

वहीं, 18 महीने की लक्ष्मी को भी गोली लगी। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में उसका इलाज चल रहा है। हालत नाजुक बनी हुई है। वारदात के बाद लाडो के परिवारवाले सहमे हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर यह क्या हो गया। मां नीलम का रो-रोकर बुरा हाल है। वह वॉर्ड में आने वाले हर डॉक्टर, नर्स से बार-बार बच्ची का हाल पूछ रही है। सीने में लगी है, कैसे निकलेगी। खुद सीएम योगी बच्ची को देखने के लिए गुरुवार सुबह केजीएमयू हॉस्पिटल पहुंचे। वहां बच्ची का हालचाल लिया। डॉक्टरों से बात की।

 

अचानक से चलनी शुरू हुई गोली,  लोग इधर-उधर भागने लगे

बुधवार शाम को लाडो की मां नीलम केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में बैठी हुई थी। बच्ची का X- Ray कराना है। हमने जब उनसे बेटी का हाल पूछा तो वह रोने लगी। कहा, “बेटी सुबह से साथ आई थी। इंतजार करते-करते थक गए तो बेटी को जमीन पर लिटा दिया था। बगल में मैं बैठी हुई थी। पति और ससुर थोड़ी दूर बैठे थे। अचानक से गोली चलनी शुरू हो गई। सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। मुझे कुछ समझ नहीं आया।

मैंने अपनी बच्ची को गोद में लिया और बाहर की ओर भागी। मेरे बाएं हाथ की उंगलियों में कुछ लगा था। बहुत तेज दर्द हुआ। मैंने बेटी को सीने से लगाया और एक कोने में खड़ी हो गई। तभी मुझे महसूस हुआ कि बेटी के शरीर से खून बह रहा है। मैं समझ गई कि मेरी लाडो को गोली लगी है।

 

मैं तुरंत वहां से चीखते हुए भागी। कुछ वकील मुझे बलरामपुर अस्पताल ले गए। वहां बेटी का इलाज शुरू नहीं हुआ। बेटी की तबीयत बिगड़ रही थी। डॉक्टरों ने पट्टी करके केजीएमयू ले जाने को कहा। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर गई तो वहां डॉक्टर बेटी को ऑपेरशन के लिए ले गए।

ऑपरेशन रूम में अंदर गई तो देखा बेटी के मुंह में नली लगी हुई है। पूछने पर डॉक्टरों ने बताया कि उसके सीने में गोली फंसी है। हालत नाजुक है। मेरी बेटी का कोई कसूर नहीं था। उसने तो अभी दुनिया भी नहीं देखी है। उसके साथ ऐसा क्यों हुआ, मुझे पता नहीं। मेरी सिर्फ एक ही बेटी है। यही मेरा आसरा है। इसे कुछ हुआ तो मैं जी नहीं पाऊंगी।

 

घटना में घायल सिपाही बोला- कोर्ट में घुसते ही चली गोलियां 

घटना में घायल सिपाही कमलेश भी केजीएमयू में भर्ती है। उसने बताया कि हमलावर ने कोर्ट में घुसते ही गोली चला दी। किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया। वहीं, दूसरे घायल सिपाही लाल मोहम्मद ने बताया कि संजीव जीवा को दोपहर बाद पेशी पर लाया गया था। जैसे ही कोर्ट के पास पहुंचे, वैसे हमलावर गोली चलाने लगा। लाल मोहम्मद ने बताया कि आगे होने के कारण उसे भी पैर में गोली लगी। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही वकील ड्रेस में आए हमलावर ने गेट पर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोली मार दी।

 

हमलावर विजय यादव की हालत खतरे से बाहर

संजीव उर्फ जीवा के हत्यारोपी विजय यादव भी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। डॉक्टरों ने चोट की संभावना के चलते CT स्कैन कराया। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने भी आरोपी का CT स्कैन कर रहे डॉक्टरों से उसकी तबीयत का हालचाल लिया। उन्होंने बताया कि विजय यादव की हालत ठीक है। शरीर पर उसको कहीं भी कोई गंभीर चोट नहीं है। सभी अंग सुरक्षित है।

वहीं, डेढ़ साल की बच्ची के बारे में पूछने पर डॉ. पुरी ने बताया कि उसे अभी निगरानी में रखा गया है। उसकी हालत गंभीर और नाजुक है। डॉक्टर नजर बनाए हैं।

 

माइनर सर्जरी हुई, गोली बच्ची के शरीर में

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बच्ची को गंभीर हालत में बलरामपुर अस्पताल से यहां लाया गया था। उसकी माइनर सर्जरी की गई है। अभी गोली उसके शरीर में हैं। एक्सपर्ट डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। जरूरत के अनुसार आगे फिर सर्जरी की जा सकती है।

 

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