पाटा जा रहा तालाब, एसडीएम से शिकायत – पीएम के जल तालाब संरक्षण अभियान में कैसे सहयोगी बन रहे जिम्मेदार?

खागा/फतेहपुर। गंगा समग्र के स्वयंसेवक आज खागा उपजिलाधिकारी से मिलकर नगर के नई बजार मोहल्ले में प्राचीन रावण मैदान स्थित पुराने तालाब को पाटकर समतल करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई।
नगर के नई बजार मोहल्ले में प्राचीन रावण मैदान से सटा हुआ पुराना तालाब, कुछ लोग कूड़ा-कचरा व मिट्टी डालकर पाट रहे हैं। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों को भी तालाब पाटने वालों ने अपने प्रभाव में ले रखा है। देश की आजादी से पहले का तालाब पाटकर वहां पर कुछ नया करने वालों को तालाबों की उपयोगिता का ज्ञान नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने भी तालाबों का स्वरूप न बदलने का आदेश पूर्व में जारी किया था। बीते कई दिनों से उक्त तालाब को पाटने का अभियान चल रहा है। जिसमें तहसील प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को गड्ढानुमा, तालाब की शक्ल में भूमिधरी बताकर गुमराह किया जाता है। रावण मेला मैदान की जमीन बढ़ाने के चक्कर में कुछ स्वार्थी लोग भावी पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन्हें रोका जाना न्यायहित में आवश्क है। मौका मुआयना करते हुए उक्त मामले में अविलंब आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की गई है। जिससे दशकों पुराने जल स्रोत के साथ-साथ भावी पीढ़ी का जीवन बचाया जा सके। प्रवीण पाण्डेय ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के जरिए तालाब, खलिहान और चारागाह जैसी जमीनों पर कब्जे को मौलिक अधिकारों का हनन माना गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2001 और 28 जनवरी 2011 को दो आदेशों के जरिए इन सार्वजनिक जमीनों का स्वरूप न बदलने के आदेश दिए हैं। गंगा समग्र के जिला संयोजक राम प्रसाद विश्वकर्मा, जिला सह संयोजक राजेश प्रजापति, शेर सिंह, लल्लन सिंह, राज बहादुर विश्वकर्मा, राज कुमार, दिनेश सिंह आदि रहे।

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