बिपरजॉय ने 9 हजार मकान उजाड़े, 3 दिन में राहत देगी सरकार, राजस्थान में पहली बार ऐसा फैसला, जानें- कितनी मुश्किल है भरपाई

 

 

दरअसल, सीएम गहलोत ने मंगलवार और बुधवार को दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान के बिपरजॉय प्रभावित बहुत से इलाकों का हेलिकॉप्टर से दौरा किया।

इस दौरान वे कई लोगों से मिले। सीएम गहलोत ने कहा-आपके मकान टूटे हैं, लेकिन आपकी उम्मीदें नहीं टूटने दूंगा।

इसके बाद सीएम गहलोत ने तीन दिनों के भीतर उन लोगों के लिए मुआवजा राशि मंजूर करने के निर्देश दे दिए, जिन्होंने बिपरजॉय के कारण नुकसान झेला है।

राजस्थान में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी प्राकृतिक आपदा में जान-माल का नुकसान उठाने वाले परिवारों को इतना जल्दी मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।

सवाल : नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी?

जवाब : सरकार के फैसले के अनुसार किसी के मकान की छत-दीवार टूटने या मकान के ढह जाने की मरम्मत स्थानीय जिला प्रशासन करवाएगा। इसके अलावा पूरा मकान ही ढह गया है तो नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा हमेशा से अनुमानत: तय किया जाता है। जैसे किसी की दस बाई दस फीट की दीवार ढह जाए तो मुआवजा राशि 10 हजार रुपए मानी जाती है।

इसके अलावा सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग, जिला प्रशासन और पंचायत-निकाय संस्थाओं को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे उन्हें ठीक कराने का काम शुरू कर दें। काम के प्रस्ताव और बजट को कलेक्टरों के स्तर पर मंजूर किया जाएगा।

सवाल : क्या सरकार की ओर से सर्वे शुरू कर दिया गया है?

जवाब : सरकार की टीमें नुकसान की सर्वे रिपोर्ट बनाने में जुट गई हैं। इसके लिए ड्रोन कैमरे सहित सेटलाइट इमेजेज का सहारा भी लिया जा रहा है। सभी प्रभावित जिलों (जोधपुर, सिरोही, जालोर, पाली व बाड़मेर) में नुकसान की प्रारम्भिक सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।

सवाल : प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट में क्या सामने आया?

जवाब : प्रारम्भिक सर्वे में सामने आया कि करीब 9000 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। सार्वजनिक सम्पत्ति में 225 स्कूल भवन और 150 सड़कों को नुकसान हुआ है। 35 हजार परिवारों को किसी न किसी तरह का नुकसान हुआ ही है। इसी तरह लगभग 8500 बिजली के खंभे और 2000 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गए।

सवाल : क्या तीन दिन में सभी प्रभावित को मुआवजा मंजूर करना मुमकिन है?

जवाब : सिरोही जिले के प्रभारी और विधानसभा में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने को बताया कि सीएम गहलोत ने तीन दिनों के भीतर मुआवजा राशि मंजूर करने के निर्देश दे दिए हैं, लेकिन तीन दिनों के बाद भी मुआवजा देना या सर्वे प्रक्रिया जारी रहेगी। जो भी इस प्राकृतिक आपदा में हताहत हुआ है, उसे मुआवजा मिलना तय है। इसके लिए आपातकालीन बजट भी जारी किया जाएगा।

सवाल : मुआवजा राशि कैसे दी जाएगी?

जवाब : सूत्रों का कहना है कि सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि जब सर्वे में मुआवजे के लिए नाम तय हो जाएंगे तो सभी प्रभावितों के बैंक खातों में डायरेक्ट जयपुर से ही पैसा ट्रांसफर कर दिया जाए। हाल ही में सरकार ने लंपी से मरी गायों से संबंधित पशुपालकों के खातों में इसी तरह मुआवजा राशि भेजी थी।

सवाल : जहां नुकसान हुआ, वहां तक सर्वे टीम नहीं पहुंची तो?

जवाब : राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर चक्रवात से प्रभावित हुए किसी व्यक्ति तक टीम नहीं पहुंची हो तो वो अपने क्षेत्र के ग्राम सेवक या पटवारी से सम्पर्क करें। अगर उनसे सम्पर्क ना हो तो ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या कलेक्टर के दफ्तर में फोन कर दें।

अपने गांव-कस्बे या मोहल्ले के वॉट्सऐप ग्रुप या फेसबुक पेज पर लिख दें। सर्वे टीम उन तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा एसडीएम-एडीएम, बीडीओ, वीडीओ किसी भी अधिकारी के दफ्तर में नुकसान की जानकारी दी जा सकती है। जल्द ही ऐसा कोई मोबाइल नंबर भी जारी कर दिया जाएगा, जहां कोई भी प्रभावित व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेगा।

सवाल : फिर भी प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट में नाम छूट गया तो?

जवाब : अगर नुकसान प्रभावित किसी व्यक्ति का नाम प्रारम्भिक सर्वे रिपोर्ट में छूट भी गया हो तब भी उसका नाम ग्राम सेवक-पटवारी आगे भी कलेक्टर कार्यालय को भेज सकेंगे। सोशल मीडिया पर इस दौरान आ रहे वीडियो, फोटो और जानकारियों को सभी जिलों में प्रशासन के स्तर पर माॅनिटर किया जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से पाली जिले में एक परिवार के पास राहत सामग्री भी पहुंचाई गई है।

सवाल : तीन दिन में मुआवजा राशि देने की प्रोसेस में क्या परेशानी आ सकती है?

जवाब : एक्सपट्‌र्स का कहना है ऐसी आपात स्थिति में तीन दिन में सर्वे करवाने में सबसे बड़ी केवल एक ही दिक्कत है कि प्रशासन में कई पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में जिन क्षेत्रों में ग्राम सेवक या पटवारी ड्यूटी पर नहीं हैं, वहां काम प्रभावित हो सकता है।

हालांकि उन जगहों पर तत्काल दूसरे राज्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है, या उन्हें होल्ड पर रखकर कुछ दिन बाद सर्वे करवाया जा सकता है। चूंकि आजकल ज्यादा जानकारी सरकार के पास पहले से ही ऑनलाइन उपलब्ध है, तो कोई और बड़ी परेशानी सामने नहीं आएगी। तूफान का जोर भी अब खत्म हो गया है। ऐसे में सर्वे करवाया जा सकेगा।

14 जिले प्रभावित, 2000 करोड़ का पैकेज हो सकता है मंजूर

राजस्थान में सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, पाली, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, जालोर, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर में बिपरजॉय का असर रहा। पाली, सिरोही, जालोर व बाड़मेर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 700 परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट करना पड़ा।

बुधवार को सीएम ने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया। सीएम गहलोत जल्द ही भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, टोंक, सवाईमाधोपुर आदि जिलों का दौरा भी कर सकते हैं। फिलहाल राहत कार्यों में एसडीआरएफ की 17 व एनडीआरएफ की 8 टीमें लगी हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि शुरुआती तौर पर इस दौरान हुए नुकसान के लिए करीब 2000 करोड़ रुपए का राहत पैकेज घोषित किया जा सकता है।

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