‘‘नागिन’ सीरियल में 1 रुपया इन्वेस्ट कीजिए और हर दिन 100 रुपए कमाइए। रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में 3 रुपए इन्वेस्ट कीजिए और हर दिन 300 रुपए कमाइए।’
अगर आपके मोबाइल पर भी ऐसा कोई मैसेज या लिंक आया है तो सावधान हो जाइए। एक क्लिक से आप ठगी के ऐसे दलदल में फंस सकते हैं, जहां से निकल पाना आसान नहीं है।
आजकल लोग सबसे ज्यादा वक्त फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और यूट्यूब पर बिताते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए ठगों ने ठगी का नया तरीका ईजाद किया है।
ठग इंडिया, अमेरिका, जर्मनी सहित कई देशों की नामी कंपनियों के फर्जी ऐप बनाकर उनके लिंक सोशल मीडिया के प्लेटफाॅर्म पर शेयर करते है। इनमें फैशन ब्रांड जारा, प्लेन बनाने वाली अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक, कोरोना वैक्सीन बनाने वाली फाइजर और इंडिया की टाटा जैसी नामी कंपनियों के नाम शामिल हैं।
इन ऐप पर लोगों को प्रोडक्ट पर बहुत कम पैसा इन्वेस्ट करने पर रोज कई गुना रिटर्न का झांसा दिया जाता है। जैसे 1 रुपया इन्वेस्ट करने पर 100 रुपए, 3 रुपए इन्वेस्ट करने पर 300 रुपए। पहले गिरोह कुछ दिन लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उनके अकाउंट में पैसे डालता है।
फिर जब बड़ी संख्या में लोग झांसे में आकर ऐप में इन्वेस्ट कर देते हैं तो ये गिरोह उस ऐप को बंद कर देता है और ठगी के लिए नए ऐप बनाने में जुट जाता है। यह गिरोह हर दिन नामी कंपनियों के नाम से चार से पांच फर्जी ऐप बनाते हैं। करीब ऐसे 100 से ज्यादा ऐप पर रजिस्ट्रेशन करके इनके ठगी के तरीके की पड़ताल की।
ऐप का लिंक शेयर कर सबकी नजरों से बचते हैं
गिरोह नामी कंपनियों की फर्जी ऐप बनाते हैं, इसलिए ये ऐप गूगल के प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं होती हैं। ऐप के लिंक को वॉट्सऐप और टेलीग्राम के ग्रुप्स में शेयर किया जाता है। कंपनी के लोगो और प्रोडक्ट के फोटो के साथ लिंक भेजा जाता है, ताकि कंपनी का नाम देखकर ही लोग लिंक को क्लिक कर रजिस्टर कर लें। इसके साथ कुछ पंचलाइन भी ऐड की जाती हैं, जिसमें कई गुना रिटर्न का झांसा दिया जाता है।
मोबाइल नंबर लेने के लिए ऐप पर रजिस्ट्रेशन
गिरोह लोगों के मोबाइल नंबर लेने के लिए ऐप का लिंक भेजकर उसमें रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। इसमें मोबाइल नंबर डालते ही ऐप से ओटीपी भेजा जाता है। ओटीपी मिलने पर लोगों को लगता है कि ऐप असली है। लेकिन, इससे गिरोह के पास लोगों के मोबाइल नंबर पहुंच जाते हैं। रजिस्ट्रेशन करते ही मोबाइल नंबर गिरोह के पास आ जाता है। इसके बाद गिरोह मोबाइल नंबर को अपने वॉट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते हैं। जहां एक लड़की बताती है कि ऐप में इन्वेस्टमेंट कैसे करना है।