प्रेम प्रसंग में सहमति से बने संबंध को दुराचार की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। बालिग और पढ़ी लिखी युवती अपने भले-बुरे के बारे में भली-भांति जानती है। शादी से पहले बने शारीरिक संबंधों का युवती ने विरोध नहीं किया, जिससे जाहिर है कि संबंध युवती की सहमति से बने। इस टिप्पणी के साथ यमुनानगर की स्पेशल कोर्ट (क्राइम अंगेस्ट वूमन एंड चिल्ड्रन) की जज पूनम सुनेजा ने यमुनानगर निवासी दिनेश कुमार को बरी कर दिया गया। बचाव पक्ष के वकील एमआर अनेजा का कहना है कि कोर्ट का यह फैसला बाकी लोगों के लिए नजीर साबित होगा। मामले में 11 लोगों की गवाही हुई।
शादी से इनकार करने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया
सहारनपुर निवासी एक युवती यमुनानगर में नौकरी करती थी। उसका दिनेश के साथ वर्ष 2013 से प्रेम प्रसंग चल रहा था। परिजनों की सहमति से दोनों की 17 अप्रैल 2016 को सगाई हो गई और शादी की तारीख 8 नवंबर 2016 तय की गई। शादी के लिए युवक के परिजनों ने हॉल भी बुक करा लिया। इसी बीच एक दिन दिनेश ने युवती के मोबाइल में दूसरे लड़कों के साथ उसके आपत्तिजनक फोटो देखने के बाद शादी से इनकार कर दिया। इस पर युवती ने दिनेश पर शादी का दबाव भी बनाया। जब वह नहीं माना तो युवती ने 22 अक्तूबर, 2016 को महिला थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज करा दिया।