रोहित सेठ
वाराणसी। स्वर्गीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पांडेय की स्मृति में आयोजित दो दिवसीय समारोह सोमवार को संपन्न हुआ। इस दिन डॉक्टर पांडेय की साहित्यिक रचनाओं पर चर्चा और व्याख्यान दिए गए। इसके अलावा उनकी याद में दिए जाने वाले सृजन शिखर सम्मान और युवा पुरस्कार से चुने गए रचनाकारों को सम्मानित और पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में समकालीन ‘हिंदी उपन्यासों के गाँव’ पर अकादमिक चर्चा की गयी जिसकी अध्यक्षता प्रफ़ेसर विजय बहादुर सिंह ने की । इस सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में गौरहरि दास और संजय अलंग शामिल हुए। वक्ताओं प्रफ़ेसर अवधेश प्रधान, प्रभात मिश्र, रविनंदन सिंह, सुधाकर अदीब, डॉक्टर मुक्ता, प्रफ़ेसर बलिराज पांडेय ने हिंदी उपन्यासों के गाँव के संदर्भ में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पांडेय के उपन्यास ‘गाँव बेगाँव’ पर वक्तव्य दिए। गौरहरि दास ने उपन्यास का विश्लेषण मॉक-एपिक के संदर्भ में किया तो प्रफ़ेसर शिवनारायण ने उपन्यास को कम्पॉज़िट भाषा और संस्कृति के मापदंडों पर खरा बताया। डॉक्टर मुक्ता ने उपन्यास गाँव बेगाँव के लिए कहा कि हम सब के अंदर कहीं न कहीं एक गाँव है और ये उपन्यास पढ़ते हुए हम उस गाँव की ओर मुड़ जाते हैं।
कार्यक्रम के समपूर्ती सत्र में पद्मभूशन वाई लक्ष्मी प्रसाद और समकालीन भारतीय साहित्य के सम्पादक बलराम को सृजन शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान राशि के तौर पे एक एक लाख रुपय की राशि प्रदान की गयी । अपने सम्मान स्वीक्रिती वक्तव्य में बलराम ने कहा कि ‘शिनाख़्त’ शृंखला में शामिल होते ही डॉक्टर पांडेय हिंदी के बीस बड़े लेखकों में शुमार हो गए। पाँच युवा लेखकों डॉक्टर अनुज लुगुन, स्वाति शर्मा, विशाखा मुलमुले, डॉक्टर लहरीराम मीणा, डॉक्टर अरविंद तिवारी को युवा सृजन शिखर पुरस्कार दिए गए। सभी पुरस्कृत युवाओं को प्रशस्ति पत्र और इक्कीस-इक्कीस हज़ार रुपय की राशि प्रदान की गयी। सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रफ़ेसर राधावल्लभ त्रिपाठी ने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने हिंदी और संस्कृत में साहित्य की रचना कर अपनी बहुआयामी प्रतिभा का प्रमाण दिया।
मुख्य अतिथि सदानंद साही ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के साथ पारिवारिक सम्बन्धों को याद किया। उन्होंने बनारस में हो रहे इस आयोजन के ज़रिए डॉक्टर पांडेय के लेखन को पूरे देश में फैलाने के लिए पांडेय परिवार की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम के आयोजक ‘नांदी सेवा न्यास’ के सचिव यशोरत्न ने कार्यक्रम में सम्मिलित हुए प्रबुद्ध जनों का आभार व्यक्त किया और इस आयोजन को लगातार जारी रखने का संकल्प लिया।