झांसी में नीतू रायकवार मर्डर केस में पुलिस 16 दिन में कातिल तक पहुंच गई। हमलावर कोई और नहीं, बल्कि नीतू रायकवार का छोटा भाई मनीष था। हत्या के बाद पुलिस को सबसे पहले उसी ने बुलाया, फिर लाश पकड़कर रोता रहा।
पुलिस ने उसको पकड़कर पूछा कि बहन को क्यों मारा। तो उसका जवाब था कि लोग मजाक बनाते थे, मेरी बहन का चाल-चलन ठीक नहीं था। लव अफेयर था, इसलिए उसको मार देना, मेरी मजबूरी थी। रहा सवाल मेरे ड्रामे का तो वो पुलिस को गुमराह करने के लिए किया था। अब पुलिस ने मनीष को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा है।
11 जून की रात सोते हुए नीतू पर किए थे वार
नीतू रायकवार का मायका प्रेमनगर इलाके में काठ का पुल के पास रेलवे कॉलोनी में है। उसकी शादी 12 साल पहले बबीना में हुई थी। पति सुनील बीमार हैं। इसलिए नीतू बेटी आराध्या के साथ 5 साल से मायके के पास किराए से रहती थी। वह घरों में झाड़ू-पोंछा लगाने का काम करती थी। 12 जून 2023 की सुबह नीतू और उसकी बेटी आराध्या, दोनों कमरे में लहूलुहान मिली थीं।
नीतू बेड के नीचे जमीन पर औंधे मुंह पड़ी थी। डंडे से किसी ने कई बार वार किए थे। छोटे भाई मनीष ने ही सबसे पहले इसकी जानकारी घरवालों को दी। तब दोनों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। जहां पर 15 जून को नीतू की मौत हो गई थी। जबकि घायल आराध्या को परिवार घर लेकर आ गया।