प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल डॉ आरिफ अलवी को मंगलवार को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति चुना गया। डेंटिस्ट रह चुके अलवी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार ऐतजाज अहसन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के उम्मीदवार मौलाना फजल उर रहमान को त्रिकोणीय मुकाबले में मात दी और देश के 13वें राष्ट्रपति चुने गये।
अनाधिकारिक नतीजों के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया कि नेशनल असेंबली और सीनेट में पड़े कुल 430 मतों में से अलवी को 212 मत मिले, रहमान को 131 और अहसन को 81 मत मिले। छह मत खारिज कर दिये गये। अखबार के अनुसार बलूचिस्तान के नव निर्वाचित सांसदों के डाले गये 60 मतों में से अलवी को 45 मत मिले।
पीपीपी के प्रभाव वाली सिंध विधानसभा में अहसन को 100 मत मिले, जबकि अलवी को 56 मतों से संतोष करना पड़ा। रहमान के पक्ष में केवल एक मत पड़ा। खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में अलवी को कुल 109 में से 78 मत मिले। वहीं रहमान और अहसन को क्रमश: 26 और पांच मत मिले। पंजाब विधानसभा में अलवी को 186 मत मिले जबकि रहमान और अहसन को क्रमश: 141 और 6 मत मिले। 18 मत खारिज कर दिए गए।
जीत के बाद अपने पहले भाषण में अलवी ने प्रधानमंत्री खान को उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए नामांकित करने पर धन्यवाद दिया। अलवी ने कहा, आज से मैं सिर्फ पीटीआई द्वारा नामित राष्ट्रपति नहीं हूं, बल्कि मैं पूरे देश और सभी दलों का राष्ट्रपति हूं। सभी दल मेरे समक्ष समान हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति ममनून हुसैन का पांच साल का कार्यकाल आठ सितंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अलवी नौ सितंबर को पद की शपथ लेंगे।
अलवी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में वह विपक्ष सहित सभी को आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा, मेरा राजनीतिक संघर्ष अय्यूब खान के शासन काल, 1967 से चल रहा है। हालांकि, मेरा मानना है कि तब से अब तक राष्ट्र में बहुत जागरूकता आयी है। राष्ट्रपति ने संविधान में किये गये वादों को दोहराया। अलवी पीटीआई के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वह 2006 से 2013 तक पार्टी के महासचिव रहे हैं। 25 जुलाई को हुए चुनाव में अलवी एनए-247 (कराची) सीट से जीतकर नेशनल एसेम्बली पहुंचे थे।