फतेहपुर। जनपद में भले ही बीते दिनों नए सीएमओ ने चार्ज संभालते हुए कहा हो कि अब इन अवैध अस्पताल संचालकों की खैर नहीं है। बावजूद इसके जिले में अवैध अस्पतालों का कारोबार नासूर बनता जा रहा है। इस अवैध कारोबार पर अंकुश न लग पाना जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है और इन अवैध कारोबारियों पर कोई कार्रवाई न होना विभागीय जिम्मेदारों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रही है।
शहर के आबूनगर पुलिस चौकी के पीछे स्थित प्रांशी अस्पताल अपने कारनामों और स्वास्थ्य विभाग में ऊंची पकड़ रखने वाले चर्चित अवैध अस्पतालों में से एक है। हो भी क्यों न अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के फाइलों में दर्ज नहीं है। बावजूद इसके अस्पताल को धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है। अस्पताल में दर्जनों की संख्या में बेसमेंट में मरीजों को भर्ती कर उनकी जान से खिलवाड़ किया जाता है। इतना सब होने के बावजूद भी विभाग के जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं। अखबारों में खबर प्रकाशित होने के बाद सीएमओ द्वारा गठित 4 सदस्य टीम अस्पताल तो कई बार पहुंची लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ इस अवैध अस्पताल संचालक को 3 बार नोटिस देकर फायर की एनओसी के लिए समय दिया गया। अस्पताल संचालक को बीते 14 जून को जस्टिन के प्रभारी ने 15 दिन के लिए तीसरी नोटिस जारी की थी। जारी नोटिस का निर्धारित समय 30 जून को समाप्त हो चुका है। इसके बाद आज तक प्रांशी अस्पताल पर कोई कार्रवाई ना होना गठित जांच टीम और अस्पताल संचालक की मिलीभगत का इशारा कर रही है। सवाल यह है कि जनपद में हाल ही में आए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार प्रभार ग्रहण करते समय अवैध अस्पताल संचालकों पर सख्त रुख अपनाने की बात कही है। बावजूद इसके अवैध अस्पताल बड़े ही बेखौफ़ी से संचालित किया जा रहा है।
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अब तक नहीं जारी की गई एनओसी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी उमेश चंद्र गौतम ने कहा कि अब तक प्रांशी अस्पताल को फायर की एनओसी जारी नहीं की गई है। अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा। यदि अस्पताल अग्निशमन विभाग के मानक को पूरा करेगा तभी एनओसी जारी की जाएगी। अन्यथा की स्थिति में एनओसी देना असंभव है।
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अब अनियमितता मिली तो होगा सील
जांच टीम के प्रभारी एसीएमओ डॉक्टर इश्तियाक अहमद ने कहा कि अस्पताल को तीन बार नोटिस दी जा चुकी है। तीसरी नोटिस का भी निर्धारित समय बीते एक जुलाई को समाप्त हो चुका है। अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान अनियमितता मिलने पर अस्पताल को सील किया जाएगा।