फतेहपुर। बिजली विभाग से संबंधित विभिन्न समस्याओं को लेकर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी), उत्तर प्रदेश किसान सभा व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अधिशाषी अभियंता द्वितीय के कार्यालय पर धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की। तत्पश्चात दस सूत्रीय मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।
धरने की अध्यक्षता माकपा के पूर्व जिला मंत्री का. गया प्रसाद, उत्तर प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष का. गोवर्धन सिंह व खेत मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष का. चंद्रपाल ने संयुक्त रूप से की। संचालन जिला मंत्री का. जगरूप भार्गव ने किया। धरने को का. नरोत्तम सिंह, का. आलोक प्रकाश, का. मकदूम पाल, का. चिरंजू लाल, भारत सिंह यादव, का. भारत सिंह, का. रामनरेश सिंह, का. रमेश यादव, रूस्तम खान, मनोज कुमार आदि ने संबोधित करते हुए अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि बिजली आज हमारी बुनियादी जरूरत है। बिजली कटौती, स्थानीय फाल्ट, बिजली का महंगा होना, आये दिन फुंकने वाले ट्रांसफार्मर, बिजली के जर्जर तारों को समय से न बदलने से सभी परेशान रहते हैं। देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में है। बिजली के दाम 23 प्रतिशत और बढ़ाने की पेशकश जारी है। बिजली का निजीकरण होने पर कर्मचारियों की छंटनी और नई भर्ती पर रोक और अधिक बढ़ जायेगी। इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया पर उल्टा असर पड़ेगा। मांग किया कि बिजली का निजीकरण बंद किया जाये, बिजली की प्रस्तावित 23 प्रतिशत मूल्य वृद्धि वापस ली जाये, सभी उपभोक्ताओं को तीन सौ यूनिट फ्री और किसानों को सिंचाई हेतु फ्री बिजली का चुनावी फायदा पूरा किए जाये, अघोषित बिजली कटौती बंद की जाये, मीटरिंग के नाम पर उसकी कीमत व अधिभार बढ़ाने की साजिश को रोका जाये, आम उपभोक्ताओं की समस्याओं को फौरन हल किया जाये। इसके साथ ही अन्य मांगे भी शामिल रहीं। इस मौके पर विक्रांत, रोहित, अनिरूद्ध कुमार, विक्रम, श्याम चंद्र, मन्नालाल, राजू, तेजराव, अंशु, राम बाबू, मुन्नू, महिपाल भी मौजूद रहे।