आगरा में एजुकेशन इंस्टीट्यूट और मैरिज होम की आड़ मे चल रहा था नकली दवाओं का कारोबार, छह करोड़ की दवाएं पकड़ी गईं

 

आगरा में नकली दवा की फैक्टरी चलाने के लिए दवा माफिया ने मुफीद स्थान तलाशा था। फैक्टरी परिसर के बाहरी ओर श्रीराधाकृष्ण एजुकेशन इंस्टीट्यूट और पाराशर गार्डन (मैरिज होम) चल रहा था। इंस्टीट्यूट में पढ़ाई और मैरिज हॉल में शहनाई बजती थी। इसकी आड़ में माफिया अंदर नकली दवाएं बनाते थे।

पुलिस ने बताया कि बाहर से पता ही नहीं चलता था कि अंदर नकली दवा बनाने की फैक्टरी है। इंस्टीट्यूट में बच्चे पढ़ने आते थे। मैरिज हॉल में शादी-समारोह होते थे। आसपास के लोगों से पता चला कि कई बार लोडिंग टेंपो और ड्रम समेत अन्य सामान लेकर ट्रक भी आते थे। मैरिज हॉल और कॉलेज का सामान समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता था।

पुलिस ने बताया कि एएनटीएफ के सीओ इरफान नासिर से आगरा में नकली टैबलेट और कफ सिरप बनाने की जानकारी 30 दिन पहले मिली थी। इस पर टीम ने इनकी रेकी शुरू की। मुखबिर से सूचना मिली कि आगरा कैंट स्टेशन से पार्सल से दवाओं को देश भर में खपाया जा रहा है। इस पर संयुक्त टीम बनाकर छापा मारकर फैक्टरी पकड़ी गई।

आगरा नकली, एक्सपायर्ड दवाएं, सरकारी दवाएं, गर्भपात किट, नशे के लिए दवाओं की कालाबाजारी का मुख्य ठिकाना बना है। यहां बीते 7 साल में करीब 230 करोड़ रुपये की दवाएं जब्त की जा चुकी हैं। यहां से तीन अंतरराज्यीय गैंग पकड़े जा चुके हैं।

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