दरिंदगी में नाकाम होने पर किया दो महिलाओं का कत्ल, फिर शवों के साथ किया घिनौना काम

 

उत्तर प्रदेश में बदायूं शहर के चर्चित दो महिलाओं की हत्या के मामले का सोमवार को खुलासा हो गया। कोल्ड स्टोर में दुष्कर्म की कोशिश में नाकाम होने पर दोनों की हत्या की गई थी। लेबर ठेकेदार ने दो ऑपरेटरों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।

कोल्ड स्टोर मालिक के बेटे को जब इस घटना का पता चला तो उसने दो ऑपरेटरों और चौकीदार के साथ मिलकर कार से लाशों को उसहैत में ले जाकर खंदी में फिंकवा दिया। इस मामले में सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

तीन जुलाई को शहर निवासी दो महिलाएं बरेली रोड स्थित राम कोल्ड स्टोर में आलू की छंटाई करने पहुंचीं थी। अपराह्न करीब तीन बजे लेबर ठेकेदार आरिफपुर नवादा निवासी इब्लेहसन उर्फ भर्रा, न्यू आदर्श कॉलोनी निवासी ऑपरेटर अजय शर्मा और उझानी निवासी मुकेश पाल एक महिला को बुलाकर कोल्ड स्टोर के मशीन रूम में ले गए।

पुलिस के अनुसार, उस महिला के इब्लेहसन से संबंध थे। इसी दौरान उसके पीछे-पीछे दूसरी महिला भी पहुंच गई। आरोपियों ने पहले उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की, जब उसने शोर मचाकर शिकायत करने की धमकी दी तो आरोपियों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। यह देखकर दूसरी महिला चीख पड़ी। इसके बाद आरोपियों ने उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी।

पुलिस के अनुसार, इसके बाद उनके शव कोल्ड स्टोर के अमोनिया गैस के चैंबर में रख दिए गए। रात में दोनों शव टैंक में डालकर सभी आरोपी अपने-अपने घर चले गए। सुबह करीब सवा सात बजे कोल्ड स्टोर मालिक का बेटा मयूर गुप्ता कोल्ड स्टोर पहुंचा तो शव देखकर उसके होश उड़ गए।
उसने कोल्ड स्टोर के तीसरे ऑपरेटर ग्राम बाबट निवासी पप्पू उर्फ रामवीर यादव, चौकीदार शाहजहांपुर के थाना परौर के गांव चपरा निवासी रामरतन उर्फ रतनपाल और मूसाझाग के मल्लापुर निवासी चौकीदार प्रदीप यादव से महिलाओं के शव पन्नी में पैक कराकर कार की डिकी में रखकर उसहैत इलाके में फिंकवा दिए। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
महिलाओं के शव कोल्ड स्टोर के अमोनिया चैंबर में रखे गए थे। फिर दोनों शवों पर आलू में लगने वाली शुगर फ्री दवा लगाई गई। बाद में दोनों शव पानी के टैंक में डाल दिए गए। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि आरोपियों ने ऐसा इसलिए किया जिससे दोनों शव जल्दी डी-कंपोज हो जाएं।
चार जुलाई को दोनों महिलाओं के शव उसहैत थाना क्षेत्र में बची झझरऊ गांव के नजदीक सड़क किनारे पड़े मिले थे। उनमें एक महिला का शव तिरपालनुमा पीली पन्नी में बंधा था जबकि दूसरी का शव काली पन्नी में बंधा था। उस दौरान दोनों शवों की हालत काफी खराब हो चुकी थी।
कहा जा रहा था कि तीन जुलाई की रात उनकी हत्या हुई थी, ऐसे में उनके शव इतनी जल्दी कैसे खराब हो गए, इसका खुलासा सोमवार को हुआ। आरोपी इब्लेहसन उर्फ भर्रा, अजय और मुकेश ने पुलिस को बताया कि उन्होंने दोनों महिलाओं के शव कोल्ड स्टोर के अमोनिया चैंबर में रख दिए थे।
रात आठ बजे तक काफी अंधेरा हो चुका था। फिर उन्होंने दोनों शव बाहर निकाले और उन पर शुगर फ्री दवा लगाई। दोनों शवों को मशीन रूम के पिछले गेट से निकालकर ले गए और उन्हें पानी के टैंक में डाल दिया। अगले दिन सुबह ऑपरेटर पप्पू, चौकीदार रामरतन और प्रदीप ने दोनों शवों को टैंक से बाहर निकाला। फिर तिरपाल नुमा पन्नी में बांधकर उसहैत इलाके में फेंक दिया।
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