रोहित सेठ
वाराणसी। प्रख्यात मानस मर्मज्ञ पूज्य राजन जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने जन्म नही लिया है, बल्कि अवतार लिया है और यह अवतार सिर्फ अयोध्या के राजमहल में राज करने के लिए नही है अपितु समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए लिया है। जगतगंज स्थित सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में श्रीराम कथा प्रेमी सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही नौ दिवसीय सरस श्रीराम कथा के तीसरे दिन गुरुवार को विश्वविख्यात कथा वाचक प्रेममूर्ति पूज्य संत प्रेमभूषण जी महाराज के कृपापात्र शिष्य पूज्य राजन जी महाराज ने राम प्राकट्योत्सव के उपरांत प्रभु कृपा की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि राम के प्राकट्य लेते ही पूरी अयोध्या उत्सव के रंग में डूब जाती है। पूरी प्रकृति भगवान के स्वागत में अयोध्या भूमि में उतर आयी। कोई देवता हो या नर हर कोई प्रभु श्रीराम की बस एक झलक के लिए अयोध्या पहुँच गए। गोस्वामी तुलसीदास जी मानस में लिखते है कि जब किसी के अवतरण पर हर कोई उल्लसित, हर्षित, आनन्दित महसूस करें तो समझो कि वह सृष्टि के कल्याण के लिए ही अवतार लिया है।
राजन जी महाराज ने कहा कि जीवन मे सुख बिना भगवान की भक्ति के संभव नही है क्योंकि जिसके जीवन मे भक्ति उतर जाती है तो वह स्वयं संतुष्ट हो जाता है। संतोष जीवन मे सबसे ज्यादा सुख प्रदान करता है, प्रभु की कृपा से जो प्राप्त है वही पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि जीवन मे कुछ अभाव रहता है तो हम भगवान को याद करते रहने का स्वभाव बना रहता है, ज्यादा सुख प्राप्त होने पर लोग भगवान को भूलने लगते है। ईश्वर की कृपा में कोई कमी नही होती, कमी हमारी दृष्टि में होती है जो हम प्रभु की कृपा को देख नही पाते है। प्रभु की कृपा तो अनुभव करने का विषय है, यह अनुभव कोई सद्गुरु की शरण में जाने से होता है। किसी सद्गुरु की शरण मे जाने से इस लोक मे तुरंत कल्याण हो ना हो परलोक में कल्याण अवश्य हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिसने प्रभु से प्रेम कर लिया, उसके जीवन मे कभी कलंक नही लग सकता है। कथा में राजन जी महाराज ने कई बधाई गीतो से भक्तों को सराबोर कर दिया। उन्होंने ‘अँगने में बधइयां बाजे’, तेरी मंद -मंद मुस्कनिया पर बलिहार राघव जी’ आदि बधाई गीत सुनाया तो कथा पण्डाल में उपस्थित हजारों भक्त झूमने लगे।
व्यासपीठ के पूजन से हुआ कथा का शुभारंभ*- तीसरे दिन की कथा का शुभारंभ यजमान परिवार द्वारा व्यासपीठ के पूजन से हुआ। कथा यजमान सुमित सराफ, रुचि सराफ, विनोद सराफ, इंदु सराफ, अनूप सराफ, सविता सराफ, प्रेमचंद, कविता, प्रिया सिंह, उर्मिला सिंह आदि ने सविधि पूजन किया। आरती में मुख्य रूप से विजय मोदी, मनोज बजाज, उदय राजगढ़िया, सुरेश तुलस्यान संजीव अग्रवाल टिल्लू, पवन मोदी, पुरुषोत्तम जालान, महेश चौधरी, राम बूबना, दिलीप सिंह, योगेश वर्मा, राकेश अग्रवाल, अजय यादुका, उपेंद्र जायसवाल, त्रिलोकी चौरसिया आदि ने उतारी। मंच संचालन पवन अग्रवाल ने किया।