भक्त से भगवान् की नहीं होनी चाहिए दूरी …..आचार्य देव

रोहित सेठ

 

 

 

 

वाराणसी।भोलेनाथ की नगरी काशी के रुद्राक्ष कन्वेंशन में 22 से 24 जुलाई तक इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो समापन हो गया है। जिसको सफल बनाने में वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। दुनिया के कोने कोने से इस भव्य समागम में शामिल होने प्रकांड विद्वान आए थे जिनमे से एक थे ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्य आचार्य देव जिन्होंने डिजिटल माध्यम से भक्त और भगवान के बीच की दूरी को लगभग समाप्त कर दिया है।

आचार्य देव ने वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) के द्वारा भारतीय सनातन धर्म की परंपरा को आधुनिकता से जोडते हुए वर्चुअल ज्योतिष और पूजा का समाधान भक्तों के सामने पेश किया। आचार्य देव ने बताया की भक्तों को वर्चुअल माध्यम से भक्ति से जोड़ने की प्रेरणा उन्हें कोविड काल में मिली जब मंदिरों तक भक्तों का पहुंचना मुमकिन नहीं था, पर उन्हें भगवान की जरूरत सबसे ज्यादा थी। भक्तों के साथ मंदिर के पुजारियों को भी उस समय आय की जरूरत थी। इन्ही सब महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेके उन्होंने वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) की स्थापना की।

वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) से अब तक 25 लाख भक्त डिजिटली जुड़ चुके हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वामा आज जिस ऊंचाई पर है वहां तक उसे पहुंचाने में को फाउंडर मनु जैन एवं हिमांशु सेमवाल का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अंत में आचार्य देव कहते हैं कि मै सभी भारतीयों से आग्रह करता हूँ कि वह वामा एप से जुड़े।

हमारी संस्कृति, सनातन से जुड़े इस तरह के भव्य आयोजन निरंतर अंतराल पर देश में होते रहने चाहिए, जिससे हम सभी अपने देश पौराणिक सोच से जुड़े रहे हैं।

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