मेरठ में कंकरखेड़ा के न्यू गोविंदपुरी पीर वाली गली निवासी प्रदीप कुमार कश्यप (64) की बेटी अंजलि व दो मासूम नातिन आयु और तृषा के शव रात को घर पहुंचे तो चीत्कार मच गया। शवों को देखकर बूढे-मां बाप बेसुध हो गए। कभी नातिनों के शवों पर विलाप करते तो कभी बेटी के शव से लिपट जाते। रोते-रोते रमा देवी बेहोश हो गईं। प्रदीप कुमार इतने गमगीन हो गए कि बच्चों के नाम भी भूलने लगे। रातभर घर में कोहराम मचा रहा।
प्रदीप कुमार कश्यप पेंटिंग का काम करते हैं। उनकी दो बेटियां थीं। बड़ी बेटी कीर्ति की शादी आठ साल पहले देहरादून के विकास से हुई थी। विकास बिजनेसमैन हैं। कीर्ति की दो बेटियां हो गईं। आयु और तृषा। प्रदीप कुमार की छोटी बेटी अंजलि बैंक में संविदा कर्मचारी थीं। रविवार को कीर्ति दोनों बच्चियों और पति के साथ मेरठ आई थीं। उनको अंजलि के साथ खाटू श्याम के दर्शन के लिए जाना था।
चालक अरुण ने बताया कि जहां मैंने कार पार्क की थी, वहां उनके आगे एक ट्रक भी खड़ा था। कार पार्क करके गया ही था कि पीछे से तेज गति से आए एक कैंटर चालक ने कार को जबरदस्त टक्कर मार दी। कार आगे खड़े ट्रक में जा घुसी। कैंटर चालक को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भाग गया। हादसा देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मैं काफी देर तक चिल्लाता रहा। सड़क पर चलते वाहनों को रुकने का इशारा किया, लेकिन काफी देर तक किसी ने भी गाड़ी नहीं रोकी। कुछ समय बाद एक ट्रक चालक ने वाहन को रोका। इसके बाद काफी वाहन रुक गए। पुलिस को फोन किया गया। गाड़ी के अंदर से शवों को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन क्रेन आने के बाद ही शवों को निकाला जा सका।