रोहित सेठ
वाराणसी। स्वास्तिक फरम खुदा की मोहर ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिकंदर सूफी संत के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मोहर्रम की नौ दस ग्यारह तारीख को शाम 6:00 बजे से उनके निवास स्थान दोषी पूरा काशी में मातम नौहा व दुआ ख्वानी हुई जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण व अली असगर अलैहिस्सलाम के दस्तर ख्वान के नाम से दूध का लंगर व पौसरा चलाया गया।
जिसमें आसपास के इलाकों व दूरदराज से आए हुए सभी मासूम बच्चे नौजवान बूढ़े व सभी फिरको व समुदाय के लोगों ने आकर दूध पिया।
सिकंदर सूफी संत उर्फ अनपढ़ बाबा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि यह सिलसिला अयोध्या के राम व राम के दयाद पूर्खो से चला आ रहा है जो आज भी जारी है।
आगे सिकंदर सूफी संत ने बताया कि यह वही संत फकीर है जिसके पास श्री कृष्ण भगवान का झूला व अली असगर अलैहिस्सलाम का दस्तर ख्वान व ताबूते सकीना एवं सनातन धरम हरम कल्कि अवतार के शहजादे के घर का सफेद झंडा व अलम अक्स ओरिजिनल पाया गया है।
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि यह दूध का लंगर कितने वर्षों से जारी किया जा रहा है तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि यह सिलसिला काफी वर्षों से चला आ रहा है और इसका जो मुख्य उद्देश्य है वह ये हैं की ज्यादा से ज्यादा मासूम बच्चों को दूध पिलाना।
आगे उन्होंने कहा कि ट्रस्ट बनाने का मेरा एक ही मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा गरीब लाचार बेबस बेसहारा लोगों की सेवा कर सकूं।
इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम के सिपाहियों ने गश्त पे गश्त लगाते लगाते साथल व शरीर पर घंटी पहने हुए सभी लोगों ने नंगे सर नंगे पांव 1 साल 40 दिन तक लाश को पाया गया जो की सर मुबारक व लाश को ठंडा किया गया।
अंजुमन अजादार जफरिया वगैरह जुलूस व मातम को दोषीपुरा पेवाड़ा मैं ठंडा किया गया।
जिसमें सभी मित्रगण शामिल थे मौलाना वसीम असगर अली चांद मोहम्मद अशफाक ईमानी मौलाना कासिद शायर आज़मी राजू खान मीनू खान फुरकान अली आरिफ कलीम बेलाल अहमद शाने अली मोहम्मद अवैश अंसारी मोहम्मद जावेद मोहम्मद यासीन जमील अख्तर अंसार अहमद रियाज अहमद रामचंद्र मौर्य इस्लाम आदि लोगों की उपस्थिति रही।