इंदौर पुलिस के सबइंस्पेक्टर ने भला-बुरा कहा तो दिव्यांग ने दी जान आगे पढ़े पूरी ख़बर

 

इंदौर के द्वारकापुरी के दिव्यांग मोहन पाल (26) ने मंगलवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। सुसाइड से पहले उसने अपना दर्द वाट्सअप मैसेज कर भाई को साझा किया। उसने थाने के सबइंस्पेक्टर के बर्ताव से तंग आकर फांसी लगाई। इसका जिक्र मैसेज में भी किया है। इधर, घटना के बाद बुधवार सुबह परिजन बॉडी को अस्पताल ले गए। यहां जमकर हंगामा भी हुआ। इसके बाद सब इंस्पेक्टर अमोद उईके को सस्पैंड कर दिया गया।

बताया जाता है कि दिव्यांग युवक से शादी के नाम पर बिहार के किसी व्यक्ति ने ऑनलाइन फ्रॉड किया था। वह इसकी शिकायत कर चुका था। कई बार साइबर थाने भी गया लेकिन सुनवाई नहीं होने से दुखी था। मंगलवार को जब वह सीधे जनसुनवाई में DCP और कलेक्टर को शिकायत करने पहुंचा तो द्वारकापुरी का सब इंस्पेक्टर अमोद उस पर उखड़ गया। अपशब्द कहे। इसके बाद उसी रात उसने जान दी।

मोहन की मौत से गुस्साए परिजन और परिचितों ने बुधवार सुबह द्वारकापुरी थाने पर हंगामा कर दिया। परिवार के लोग शव को थाने पर ही रखकर काफी देर तक रखे रहा। इसकी सूचना पर एडिशनल DCP अभिनव विश्वकर्मा ने जांच का भरोसा दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। साथ ही सब इंस्पेक्टर को सस्पैंड करने की जानकारी भी दी गई।

पुलिस के मुताबिक मृतक मोहन रमन पाल निवासी आकाश नगर रेती मंडी के पास चाय दुकान लगाता है। मोहन के साथ परिचित मलखान ने शादी के लिए रिश्ता देखने की बात कही थी। इसी दौरान बिहार के प्रवेश नामक व्यक्ति ने उससे आनलाइन फ्रॉड किया था। DCP राजेशसिंह के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन दिया। जांच के लिए आवेदन को द्वारकापुरी थाने भेजा गया था। यहां मोहन पहुंचा तो उसे ड्यूटी पर SI उईके मिले जिन्होंने उसे अपशब्द कहे। इसके बाद उसने उसी रात व्हॉट्सएप पर नोट लिखकर सुसाइड कर लिया।
एडिशनल डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। बदसलूकी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एसआई उइके ने बदसलूकी की थी, उन्हें निलंबित करके लाइन अटैच कर दिया गया है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

पिता रमन पाल ने कहा बेटे मोहन को मलखान नामक युवक ने शादी कराने के नाम पर 95 हजार रुपए लिए थे। मलखान ने ही बिहार के प्रवेश से बातचीत करवाई थी। शादी कराने को कहा था। मलखान मेरे बेटे को बरात में बिहार भी ले गया था। उसी ने बेटे की शादी कराने के नाम पर ठगी की है। वह उसे लेकर ही परेशान था। मलखान ने फोन उठाना बंद कर दिए और धमकी भी देने लगा। इसके चलते वह पुलिस के पास शिकायत करने गया था।

मोहन तीन भाइयों में सबसे छोटा है। सबसे बड़ा भाई परशुराम है जो ड्रायवर है। मंझला भाई रतिराम ट्रांसपोर्ट का काम करता है। मोहन ने उसी को रात में मैसेज किया था तब वह मुंबई में था। वह इंदौर से ट्रांसपोर्ट की गाड़ी लेकर वहां गया था। मैसेज देखने के बाद उसने परिवार के लोगों से बात की। जनसुनवाई के बाद थाने पर हुए व्यवहार से मोहन दुखी था।

मोहन ने कलेक्टर कार्यालय में की गई अपनी शिकायत में बताया था कि उसके परिचित मलखान ने बिहार में एजेंट प्रवेश शर्मा से मिलाया था जो शादियां करवाता है। मैं शादी नहीं हुई थी इसलिए उसे कहा था। इसके बदले 95 हजार मांगे थे। यह पैसा शादी के नाम पर ही मांगा था। इसके बाद में विश्वास करके बिहार के सहरसा चला गया। वहां मुझसे 95 हजार रुपए लिए। मुझे लड़की का फोटो दिखाया और शादी का दिलासा दिया। इसके बाद मैं इंदौर आ गया। शादी की बात करने के लिए मैंने प्रवेश को कॉल किया तो पहले उसने टालमटौल की। इसके बाद उसने मेरा फोन उठाना भी बंद कर दिया। मैंने एजेंट के साथी श्याम सुंदर शर्मा उर्फ दिनेश के अकाउंट में ऑनलाइन 95 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। रुपए लेने के बाद मैंने जब कॉल किए तो मुझे दूसरे नंबरों से कॉल आए कि हम बिहार के पूर्णिया थाने से बोल रहे हैं। तुम बिहार आए और लड़की भगाकर ले गए हो। तुम्हें अंदर कर देंगे। इस पूरे मामले की शिकायत मोहन ने इंदौर में जनसुनवाई में कलेक्टर से की थी।

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