छेड़खानी-पिटाई से आहत युवती ने किया सुसाइड, पिता बोले- फंदे पर झूली बेटी; शकील को भी हो फांसी

 

कानपुर में पंचायत भवन में सरेआम लड़की से बदसलूकी हुई। फिर उसने सुसाइड कर लिया। घटना की सीसीटीवी भी सामने आया है। मगर,72 घंटे यानी 3 दिन के बाद भी आरोपी की अरेस्टिंग नहीं हो पाई है। एक्शन में देरी से गांव के लोगों में गुस्सा है।

इधर, बुधवार को परिजनों ने सोनम अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पूरा गांव उमड़ पड़ा। ऐहतियातन मौके पर भारी संख्या में फोर्स तैनात रही। इस दौरान लोग यही पूछ रहे थे कि क्या शकील पकड़ा गया? गांव में बजरंग दल और कई हिंदू संगठन भी सक्रिय हैं, लेकिन परिवार के लोग कोई हंगामा-बवाल नहीं चाहते हैं।

पिता ने सिर्फ यही कहना है,”मेरी बिटिया फंदे पर जिस तरह से झूली, वैसे ही उसका हत्या भी फांसी पर झूलना चाहिए।” वहीं लड़की के भाई ने कहा कि पुलिस अब तक आरोपी के घर झांकने तक नहीं गई है। अगर, हम कुछ करेंगे, तो सांप्रदायिक माहौल बिगड़ जाएगा।

पिपरगवां गांव के रहने वाले राजेंद्र यादव की बेटी सुषमा गांव में पंचायत सहायक है। राजेंद्र ने बताया कि सोमवार को उनकी बेटी सुषमा की तबीयत खराब थी। दोपहर 12 बजे कुछ महिलाएं अपनी समस्या लेकर पंचायत भवन पहुंची थीं। इसके बाद बड़ी बेटी सुषमा ने छोटी बैटी सोनम (22) को पंचायत भवन भेज दिया। सोनम वहां पहुंची और महिलाओं की समस्याएं सुनी। तभी आरोपी शकील वहां आ गया और अपने शौचालय निर्माण की शेष राशि को लेकर हंगामा करने लगा।

इतना ही नहीं, गाली-गलौज के साथ ही सोनम के साथ मारपीट शुरू कर दी। सोनम चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन वह मौके से नहीं भागा। दबंग के खौफ के चलते सोनम को बचाने के लिए कोई नहीं आया। इसके बाद शकील वहां से चला गया। छेड़खानी और मारपीट से आहत सोनम ने घर आने के बाद सुसाइड कर लिया।

लोगों से पूछने पर पता चला है कि सामने वाला घर लड़की का है। यहां हमें सोनम की बहन सुषमा मिलीं। उनकी मां बदहवास हालत में कमरे के एक कोने में बैठी थीं। बाहर गांव की महिलाएं और कुछ रिश्तेदार मौजूद थे। सुषमा से पूछने पर पता चला कि सभी लोग जाजमऊ के सिद्धनाथ घाट पर बेटी का अंतिम संस्कार करने गए हैं।

बाहर बैठी महिलाओं से हमने पूछा कि ये सब कैसे हुआ? गुस्से में महिलाओं ने कहा, “शकील ने किया है, लेकिन पकड़ा नहीं गया।” एक अन्य महिला ने रोकते हुए कहा -उनके घर में एक ही बेटा बचा है, उसको कुछ हो गया, तो परिवार उजड़ जाएगा। फिर दहशत के चलते महिलाओं ने हाथ जोड़कर बात करने से इनकार कर दिया।

जहां पर दिन दहाड़े पंचायत सचिव सुषमा की बहन सोनम के साथ अभद्रता और मारपीट की गई। पंचायत भवन के अंदर ग्राम विकास अधिकारी राम पाल मिले। उन्होंने बताया,”मैं घटना वाले दिन दोपहर में बुधेरा पंचायत क्षेत्र में ऑफिस के काम से गया था। करीब डेढ़-दो बजे पंचायत सहायक सुषमा का फोन आया। बताया कि शकील शौचालय की किश्त को लेकर मेरी छोटी बहन सोनम से गाली-गलौज और मारपीट की है। सचिव, प्रधान और वहां मौजूद लड़की, वो सभी के साथ गाली-गलौज कर रहा है।

इस कॉल के बाद मैं पंचायत भवन पहुंचा। यहां पर कोई नहीं था। प्रधान को मामले की जानकारी दी और सीसीटीवी चेक किए। सामने आया कि आरोपी शकील सोनम के साथ मारपीट कर रहा है। इतना ही नहीं, ऑफिस का कंप्यूटर भी तोड़ने का प्रयास कर रहा था।”

पंचायत भवन पर पड़ताल करने के बाद हम दोबारा सोनम के घर पहुंचे। तब तक परिवार के लोग अंतिम संस्कार करके घर पहुंच चुके थे। घर के बाहर काफी भीड़ मौजूद थी। वहां पिता राजेंद्र यादव ने कहा कि पंचायत घर में बेटी ऑफिस के काम से गई थी। साहब, बहुत बुरी तरह से बिटिया को मारा है। पंचायत भवन के सीसीटीवी में सब दिख रहा है।”

उन्होंने कहा,”जैसे हमारी बिटिया फंदे पर झूली है, वैसे ही बेटी के हत्यारे को भी फांसी की सजा मिले।”

मृतका के भाई राम ने बताया,”अपने साथ हुई अभद्रता के बाद दुखी होकर मेरी बहन ने सुसाइड कर लिया। पुलिस का क्या है कि पुलिस जैसे औपचारिकता करती है। बस वही सब चल रहा है। आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 72 घंटे बाद भी आरोपी का कोई सुराग नहीं लगा सकी है।

कल का ही देख लीजिए सुबह 7 बजे सुसाइड हुआ और 5 बजे एफआईआर दर्ज हुई। पूरे दिन में पुलिस पोस्टमॉर्टम नहीं करा सकी। अभी तक आरोपी के घर में पुलिस का एक सिपाही तक नहीं गया है। गांव में माहौल बिगड़ सकता है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस अगर सही से एक्टिव होकर कार्रवाई करती, तो आरोपी अब तक सलाखों के पीछे होता।”

राम यादव ने बताया,सीसीटीवी से सब कुछ दिख रहा है। इसके बाद भी पुलिस ने मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की। जबकि मामला पंचायत भवन के भीतर युवती से छेड़खानी और मारपीट का है।

आरोपी के खिलाफ छेड़खानी, मारपीट, सरकारी काम में बांधा, तोड़फोड़ की कोशिश समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। लेकिन पुलिस ने खुद फजीहत से बचने के लिए मामले को दबा दिया।

सुसाइड के बाद गांव के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। आरोपी शकील के खिलाफ पूरा गांव एकजुट है। सभी उसके इस हरकत पर कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। गांववालों का कहना है कि 72 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस आरोपी को अरेस्ट नहीं कर सकी है। हम लोग चाहते हैं कि उसकी जल्द से गिरफ्तारी हो और उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले।

पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि आरोपी शकील की तलाश में ACP घाटमपुर दिनेश शुक्ला के नेतृत्व में कई टीमों को लगाया है। पुलिस की टीमों के साथ ही सर्विलांस की टीम भी लगाई गई है। जल्द ही आरोपी को अरेस्ट करके जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि दूसरी तरफ अगर एफआईआर में घटना के मुताबिक धाराएं कम हैं, तो पीड़ित परिवार एक प्रार्थना पत्र लिखकर बिधनू थाना प्रभारी को दें। आरोपी के खिलाफ धाराएं बढ़ाई जाएंगी।

 

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