उत्तर प्रदेश के आगरा में अपर परिवार न्यायाधीश-3 प्रदीप कुमार मिश्रा ने पति द्वारा प्रस्तुत याचिका स्वीकृत की। याचिका के आधार पर उसके विवाह विच्छेद करने के आदेश पारित कर दिए। इसके साथ ही वादनी के भरण पोषण के लिए वादी से उसे एकमुश्त छह लाख रुपये दिलाने के भी आदेश दिए।
मामला कमला नगर थाना क्षेत्र के बल्केश्वर का है। यहां के निवासी रेलवे कर्मी ने हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत कोर्ट में विवाह विच्छेद याचिका प्रस्तुत की। बताया कि उसकी शादी जयपुर की एक युवती के साथ हुई थी। इसके बाद पति पत्नी दोनों हनीमून के शहर से बाहर गए। वहां पति ने पत्नी को खूब घुमाया फिराया, खिलाया इसके बाद भी दोनों में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया।
हनीमून से लौटने के बाद पत्नी दसई की रस्म के लिए अपने मामा के लड़के के साथ मायके जयपुर चली गई। कुछ दिनों के बाद वादी पत्नी को लेने ससुराल जयपुर गया। मायके से पत्नी ने पति के साथ आने से साफ मना कर दिया। पत्नी कहा कि ना तुम्हारा घर ना मोहल्ला, ना ही तुम्हारा शहर पसंद है। जहां तुम्हारी जैसी छोटी सोच वाले लोग रहते हैं। वह आगरा नहीं जाएगी।
कहा कि पति को उसके साथ रहना हैं तो जयपुर में ही रहना होगा। वह अपने माता पिता को छोड़कर यहीं रहे। पत्नी के माता-पिता उसे समझाया तो वह पति के साथ आगरा आने को तैयार हो गई। ससुराल आने के बाद पत्नी का व्यवहार और बदल गया। उसने घर में सबसे लड़ना झगड़ना शुरू कर दिया। हमेशा फोन पर किसी युवक से बात करती रहती थी।
इसके कुछ समय बाद पत्नी समस्त जेवर लेकर मायके चली गई। जयपुर में जाकर अपने पति व अन्य ससुरालीजन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा भी दर्ज करा दिया। वादी ने अधिवक्ता शैलेंद्र पाल सिंह, शुभम पाल सिंह के माध्यम से याचिका प्रस्तुत करने पर अपर परिवार न्यायाधीश प्रदीप कुमार मिश्रा ने वादी का वाद स्वीकृत कर विवाह विच्छेद के आदेश पारित कर दिए।