अमृत महोत्सव में भी स्वतंत्रता के नायकों के प्रतिमा स्थल बदहाल

– चैराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमा स्थलों पर लगा कूड़े का ढेर
– नगर पालिका की उपेक्षा से लोगों में आक्रोश
बदहाली का शिकार महाराजा अग्रसेन चैराहा।
फतेहपुर। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मर-मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा। कहने को यह शब्दों की चंद लाइन हैं लेकिन देश की आजादी के लिये मर मिटने वाले मतवालों की ज़ुबान पर आखिरी वक्त तक शायद यही तराना रहा होगा। हम रहे या न रहे सोच रखने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कुर्बानियों को सलाम करने के उद्देश्य से नगर पालिका बोर्ड द्वारा शहर के विभिन्न चैराहों का नाम रखा गया और उनकी प्रतिमाओं को लगाने का उद्देश्य आने वाली नस्लो को स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में उनकी कुर्बानियों को याद दिलाना व प्रेरणा स्त्रोत मानना रहा होगा। शायद इसी सोच के चलते पिछले बोर्ड द्वारा शहर के विभिन्न चैराहों पर महापुरुषों का स्मारक स्थलों का जीर्णाेद्धार भी कराया गया। इन स्मारक स्थलों पर आज़ादी के मतवाले महापुरूषों की प्रतिमाएं भी लगी हुई हैं। जिनमें ठाकुर दरियाव सिंह, अवंतीबाई, अहिल्याबाई होलकर, महाराजा अग्रसेन, छत्रपति शाहू जी महाराज व सरदार पटेल समेत अन्य महापुरूषों की प्रतिमाएं लगीं हुई है लेकिन आज़ादी के नायकों का यह प्रेरणा स्थल नगर पालिका की ही उदासीनता के चलते अब बदहाल अवस्था में है। महापुरुषों की प्रतिमा स्थल के आस पास न केवल कूड़े करकट का ढेर लगा हुआ है। धूल में लिपटी हुई प्रतिमाएं और स्मारक स्थल के आस-पास फैली गंदगी बताने के लिये काफी है कि यहां हफ़्तों व महीनों से सफाई का कार्य नहीं किया गया। नियमानुसार इन प्रतिमाओं की नियमित साफ सफाई का ज़िम्मा नगर पालिका परिषद का होता है लेकिन नगर पालिका की उदासीनता के चलते महापुरुषों के स्मारक स्थल गंदगी से भरे हुए नज़र आते हैं। जगह जगह कूड़े के ढेर और बदलाल प्रतिमा को देखा जा सकता है। उपेक्षा के चलते अब इन प्रतिमाओं को स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस समेत अनेक राष्ट्रीय पर्वाे पर समाजसेवियों की पहल पर नगर पालिका परिषद की ओर से साफ सफाई कराई करके खानापूरी कर दी जाती है। महापुरुषों की प्रतिमाओं के आस-पास फैली हुई गंदगी देखकर शायद ही किसी देशभक्त की भावनाएं को चोट न पहुंचती होगी।

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