नई दिल्ली। भारत आज 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से दसवां स्वतंत्रता दिवस भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने मणिपुर से लेकर परिवारवाद तक का अपने भाषण में जिक्र किया। वहीं पीएम ने अदालती फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सराहना की।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे, उन्होंने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को हाथ जोड़कर स्वीकार किया और अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को भी धन्यवाद देता हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा किसी की मातृभाषा में होगा। मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे लिए इस तथ्य को पहचानना महत्वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट बार, देश की अग्रणी बार के रूप में, कानून के शासन की सुरक्षा के लिए खड़ा है। हमारा संविधान यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करता है कि शासन की संस्थाएं परिभाषित संवैधानिक सीमाओं के भीतर कार्य करें।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। गणतंत्र दिवस और अपने स्थापना दिवस को और यादगार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को एक हजार से ज्यादा फैसलों का दस भाषाओं में अनुवाद जारी कर इसकी शुरुआत की थी, इनमें हिंदी के अलावा ओड़िया, गुजराती, तमिल, असमी, खासी, गारो, पंजाबी, नेपाली और बांग्ला में भी किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच में मदद करेगा