लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब प्रकृति सुरक्षित रहेगी तो परमात्मा की कृपा भी बनी रहेगी और हम आपदा से मुक्त हो पाएंगे। यह हरे-भरे वृक्ष ही हम सबको प्रकृति व परमात्मा के साथ जोड़ने के माध्यम बनेंगे। सीएम ने कहा कि भारतीय मनीषा की क्या दृष्टि रही होगी। भारत ने प्राचीन काल से ही इसे मान्यता दी, हरिशंकरी के रूप में भी तीन पवित्र वृक्षों (पीपल, पाकड़ व बरगद) को जोड़ा गया। देवी के रूप में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तीन पौधे (आम-नीम व एक अन्य पौध) लगाए। नक्षत्र वाटिका यानी 27 नक्षत्र व नवग्रह वाटिका 9 ग्रहों के नाम पर भी वृक्ष हैं। यह भारत की गौरवशाली परंपरा है। अमृत वाटिका देश की आजादी के शताब्दी वर्ष में हमें नए संकल्प के साथ जोड़ने का आह्वान कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें वृक्षारोपण जन अभियान-2023 के अंतर्गत 5 करोड़ पौधरोपण का शुभारंभ करते हुए कहीं। इस दौरान गोमती तट (झूलेलाल वाटिका के निकट) अमृत वाटिका में वृक्षारोपण व अमृत स्तंभ का लोकार्पण भी किया गया।
सीएम ने कहा कि एक महीने के अंदर देश के अलग-अलग भागों में अतिवृष्टि के कारण व्यापक जन-धनहानि होती दिखी। प्रकृति से जब भी खिलवाड़ करेंगे तो दुष्परिणाम से बच नहीं पाएंगे। कल हिमाचल में फिर व उत्तराखंड में प्रकृति का तांडव देखा है। अमृत वाटिका अच्छा प्रयास है। अमृत वाटिका के बहाने ही सही, हमने पर्यावरण को बचाने के नए संकल्प के साथ जुड़ने का अवसर हमें प्राप्त हुआ है।
सीएम ने कहा कि विकास प्राधिकरण ने अमृत स्तंभ का चयन लखनऊ की प्राण गोमती नदी के तट पर मनकामेश्वर वॉर्ड में नए संकल्प के साथ स्थापित किया। मुख्य सचिव ने अमृत स्तंभ का परिचय दिया, कैसे 75 की संख्या को किसी न किसी रूप में उससे जुड़ने की बात बताई। चाहे वह अमृत कलश की बात हो या स्तंभ की ऊंचाई हो या अलग-अलग कोनों को देखेंगे तो इन सबके साथ इस संख्या को जोड़ने का कार्य हुआ।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, जय देवी, अमरेश कुमार, पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, मोहसिन रजा, एमएलसी मुकेश शर्मा, बुक्कल नवाब, उमेश चंद द्विवेदी, लाल जी निर्मल आदि की उपस्थिति रही