नारी जाति के सम्मान में नारी ही विश्व कल्याणी विषय पर गोष्ठी आयोजित हुई

 

ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा। समस्त मानव जाति के हृदय पर अपना अमिट स्थान अंकित करने वाली ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका डॉक्टर दादी प्रकाशमणि जी के 16वें स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में ब्रह्माकुमारीज की सिविल लाइन शाखा पर नारी जाति के सम्मान में नारी ही विश्व कल्याणी विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। दादी के सफलतम व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी नीलम बहन ने कहा कि दादी जी महान विदुषी कुशल प्रशासक ही नहीं वह ममतामई मां, बहन और नारी शक्ति का अनुपम उदाहरण थी।आज सारा विश्व उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है।दादी डॉक्टर प्रकाशमणि जी ने विश्व के पांचों महाद्वीपों में अध्यात्म का संदेश पहुंचाने का कार्य किया।ममतामई परम श्रद्धेय दादी जी के चित्र पर माल्यार्पण करके दीप जलाकर व पुष्पांजलि अर्पित करके उनको याद किया गया।

कार्यक्रम में पधारे ब्रजानंद शर्मा ने कहा कि दादी जी की यादें हमारी स्मृतियों के बगीचे में फूलों को नई सुंदरता और खुशबू से भर देती हैं।अंतरराष्ट्रीय कवि डॉक्टर पदम सिंह पदम जी ने कहा कि यूं तो दुनिया में इंसान लाखों हैं मगर कुछ ही लोगों की पहचान है मानवता को समर्पित ऐसी दादी मां को मैं तहे दिल से प्रणाम करता हूं।उन्होंने कविता के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किए।प्रोफेसर डॉक्टर उदय वीर सिंह ने कहा अपने व्यक्तित्व व कृतित्व द्वारा दादी ने समाज को नई दिशा प्रदान की जिसे पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।डॉक्टर विनय कश्यप ने गीत के माध्यम से दादी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत तिब्बत मंच की प्रांतीय अध्यक्ष बहन अनुपम चौधरी ने कहा कि आदि काल से भारत में नारी पूजनीय रही है। नारी ही पुरुषों की महान उपलब्धि के पीछे सदा रही है।इतने बड़े ब्रह्माकुमारी परिवार को एकता के सूत्र में पिरोए रखने के लिए दादी जी निश्चय ही प्रणम्य हैं।स्नेह अग्रवाल, मोनिका,रीता गुप्ता शिवम यादव,कुमारी यशी सक्सेना आदि ने भी संबोधित किया।सभा में उपस्थित सभी अतिथियों को तुलसी का पवित्र पौधा वितरित किया गया।

डॉ.अमरीश अग्रवाल ने दादी जी की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादी जी ने सन 1954 में शिकागो में आयोजित द्वितीय विश्व धर्म सभा में शिरकत की।सन 1985 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति पदक एवं 1987 में संस्था को शांति दूत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 30 दिसंबर 1992 को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा दादी जी को मानद डॉक्टरेट की उपाधि राज्यपाल डॉ.चेन्नारेड्डी द्वारा प्रदान की गई।सन 2000 में विश्व धर्म संसद की अध्यक्षा के रूप में आप को मनोनीत किया गया।वाशिंगटन के डीसी में वहां के मेयर द्वारा 10 जून का दिन दादी प्रकाशमणि डे के रूप में आज भी मनाया जाता है।

ब्रम्हाकुमारी प्रीति बहन ने सभी को मोमबत्ती जलाकर यह प्रतिज्ञा कार्रवाई की दादी जी द्वारा लगाए छोटे से पौधे से बने वटवृक्ष की शाखा बनकर हम सब भी संपूर्ण जगत में मानवता का सहारा बनेंगे।सभा में राकेश यादव,अरुण दुबे,पंकज अग्रवाल,आदेश यादव,बहन रीता गुप्ता,रिचा पोरवाल रति अग्रवाल, राजेश वर्मा,स्नेह लता वर्मा,राजेश दुबे,प्रकाश वर्मा,सारिका अग्रवाल, लक्ष्मी नारायण चौधरी आदि अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया।नियमित विद्यार्थियों के सहयोग से कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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