दक्षिण सर्कल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे ट्रेन बोगी में आग की जांच, सामने आएगी नौ मौतों की वजह

तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के डिब्बे में शनिवार तड़के आग लग गई थी। इसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में, हर दिन हादसे को लेकर नए-नए एंगल सामने आ रहे हैं। इस बीच, दक्षिणी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बी. गुगनेशन ने रविवार को बताया कि घटना की जांच आज दक्षिणी सर्कल रेलवे सुरक्षा आयुक्त के अधीन की जाएगी।

 

गौरतलब है, तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के डिब्बे में शनिवार तड़के आग लग गई थी। हादसे में कम से कम नौ यात्रियों की मौत हो गई थी। इस दौरान 20 अन्य यात्री घायल हुए थे। दक्षिणी रेलवे ने अवैध रूप से ले जाए गए गैस सिलेंडर को हादसे की वजह बताया है। इस बीच मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा भी की गई है।

दक्षिण रेलवे की विज्ञप्ति के अनुसार, आग लगने की घटना शनिवार तड़के पांच बजकर 15 मिनट पर हुई और मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने सुबह सात बजकर 15 मिनट पर आग पर काबू पा लिया था। बताया जा रहा कि यह एक प्राइवेट पार्टी कोच था, जिसे 25 अगस्त को नागरकोविल जंक्शन पर ट्रेन संख्या 16730 (पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस) में जोड़ा गया था। डिब्बे को अलग कर मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया गया था। इस डिब्बे में यात्री अवैध रूप से गैस सिलेंडर लेकर आए थे और यह आग लगने का कारण बना।

इसमें बताया कि डिब्बे में सवार तीर्थयात्रियों ने 17 अगस्त को लखनऊ से यात्रा शुरू की थी। उनका 27 अगस्त को चेन्नई जाने का कार्यक्रम था। चेन्नई से वे लखनऊ लौटने वाले थे। जब डिब्बा खड़ा था, तब कुछ यात्री चाय/नाश्ता बनाने के लिए अवैध रूप से लाए गए रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके कारण डिब्बे में लग गई। इसकी भनक लगने पर अधिकांश यात्री बाहर निकल गए। कुछ यात्री डिब्बे को अलग किए जाने से पहले ही प्लेटफार्म पर उतर गए थे।
घटनास्थल पर एक एलपीजी सिलेंडर, आलू की बोरी, बर्तन और लकड़ियां मिली हैं, जिससे डिब्बे में खाना पकाए जाने के पर्याप्त संकेत मिले हैं।

बता दें, सीतापुर शहर के विजयलक्ष्मी नगर स्थित भसीन टूर एंड ट्रैवेल्स से प्राइवेट बोगी की बुकिंग हुई थी। यहां से कुल 63 लोगों ने यात्रा पैकेज की बुकिंग कराई थी। लखनऊ जंक्शन से कोच रवाना हुआ था। इस हादसे में करीब 50 लोग झुलस गए। इसमें 12 लोग सीतापुर से शामिल हुए। यह यात्रा बीते 17 अगस्त से शुरू होकर 30 अगस्त तक प्रस्तावित थी। शनिवार को सुबह हादसे की खबर आई तो सबसे पहले ट्रैवेल एजेंसी कार्यालय के बाहर लोग पहुंचे। वहां किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद परिजनों ने जिला प्रशासन से संपर्क किया। बताया जा रहा कि ट्रैवेल एजेंसी का मालिक पप्पू भसीन भी इस यात्रा में शामिल है। हालांकि उससे फोन पर संपर्क नहीं हो पाया। 

 

प्राइवेट रेलवे कोच में जिस तरह से सिलेंडर ले जाया गया। यह रेलवे की बड़ी चूक साबित हुआ। यदि समय रहते जिम्मेदार अधिकारी इसे ले जाने से रोक लेते तो शायद यह हादसा न होता। वहीं, हादसे के बाद सीतापुर जिला प्रशासन घायलों व मृतकों की सूची छिपाता रहा। तहसील के अधिकारियों ने मृतकों व घायलों के घर जाकर उनकी डिटेल नोट की।

 

17 अगस्त- सभी यात्री सीतापुर से बस द्वारा लखनऊ जंक्शन पहुंचे।

17 अगस्त- शाम 4 बजकर 20 मिनट- ट्रेन लखनऊ से विजयवाड़ा के लिए प्रस्थान

19 अगस्त – रात 8 बजकर 40 मिनट- ट्रेन विजयवाड़ा पहुंची। यात्रियों ने रात्रि विश्राम किया।

19 अगस्त- बस से मल्लिकार्जुन (श्री शैलम ज्योतिर्लिंग) पहुंचे। वहां दर्शन के बाद सभी ने रात्रि विश्राम किया।

20 अगस्त- दोपहर 1 बजे विजयवाड़ा से ट्रेन का प्रस्थान, रात 8 बजकर 40 मिनट पर रेनीगुंटा पहुंची। यहां सभी ने रात्रि विश्राम किया।

21 अगस्त- तिरुपति बालाजी दर्शन किए।

21 अगस्त- रात 7 बजकर 20 मिनट पर मैसूर के लिए प्रस्थान।

22 अगस्त- सुबह 7 बजे मैसूर पहुंची ट्रेन। मैसूर पैलेस, चामुंडा देवी मंदिर, वृंदावन गार्डन का भ्रमण किया।

22 अगस्त- रात 9 बजकर 50 मिनट पर बैंगलोर के लिए प्रस्थान, रात पौने एक बजे बैंगलोर पहुंची।

23 अगस्त- बस द्वारा इस्कॉन मंदिर, गणेशन मंदिर बुल नंदी जी मंदिर व लालबाग बॉटनिकल गार्डन का भ्रमण

23 अगस्त- यशवंतपुर से मदुरई के नागरकोइल प्रस्थान

24 अगस्त- दोपहर डेढ़ बजे मदुरई के नागरकोइल पहुंची। यहां से बस द्वारा कन्याकुमारी, विवेकानंद रॉक के दर्शन।

25 अगस्त- कोइलम इंटरनेशनल बीच भ्रमण व पद्मनाभम मंदिर के दर्शन किए।

25 अगस्त- रात 10 बजकर 40 मिनट पर प्रस्थान, सुबह करीब साढ़े तीन बजे मदुरई पहुंची।

26 अगस्त- सुबह सवा पांच बजे रामेश्वरम व मीनाक्षी मंदिर भ्रमण से पूर्व हादसा हुआ।

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