इंटरनेट पर गैर कानूनी एप्लीकेशन पर पैसे लगाकर दोगुना करने के चक्कर में एक चिकित्सक ठगी का शिकार हो गया। मामला राजधानी शिमला का है। चिकित्सक ने लालच में आकर दो लाख अपने और पत्नी के करीब 18 लाख रुपये निवेश किए थे। इस बीच चिकित्सक को समय-समय पर एप्लीकेशन के माध्यम से पैसे मिलते रहे। बाद में जब पैसे आना बंद हो गए तो चिकित्सक को एहसास हुआ कि वह 20 लाख रुपये गवां चुके हैं।
शनिवार को चिकित्सक ने इसकी शिकायत साइबर पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। साइबर पुलिस के मुताबिक इंटरनेट पर ऑनलाइन रजिस्टर टेलीग्राम, बिटकॉइन, बिनेंस से मिली जुली फर्जी एप्लीकेशन पर पैसे निवेश करने के लालच में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर ठग इस दौरान लोगों के निवेश की राशि को एक से तीन साल में दोगुना होने का झांसा देते हैं।
इसी तरह पीड़ित चिकित्सक ने भी वर्ष 2021 से एक ऑनलाइन एप्लीकेशन में पैसे लगा रहे थे। कुछ माह बाद चिकित्सक को पैसे वापस होने लगे। इस दौरान चिकित्सक ने करीब 20 लाख रुपये और निवेश कर दिए। इसके बाद अचानक एप्लीकेशन बंद होने से चिकित्सक के होश उड़ गए। साइबर क्राइम पुलिस के कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र नेगी ने बताया कि ऑनलाइन एप्लीकेशन पर पैसे निवेश करने पर एक चिकित्सक से ठगी हुई है। शिकायत पर मामले की जांच जारी है।
उन्होंने लोगों को इंटरनेट पर गैर कानूनी एप्लीकेशन पर पैसा न लगाने की सलाह दी है। गौरतलब है कि शिमला में पहले भी लोग ऑनलाइन लॉटरी और गिफ्ट मिलने के झांसे में आकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं। पुलिस ने सलाह दी है कि ऐसे किसी भी झांसे में न आएं।
साइबर क्राइम पुलिस के कार्यवाहक अधीक्षक भूपेंद्र नेगी ने कहा कि इंटरनेट पर एप्लीकेशन की सत्यता जांचने लिए लोग पुलिस और बैंक में जाकर विशेषज्ञों से वेरिफिकेशन करवा सकते हैं। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक मान्यता प्राप्त एप से ही जुड़ेंं। इसके अलावा गैर कानूनी एप को रजिस्टर करने से बचें और सावधान रहें। शातिर इन एप्लीकेशन के माध्यम से बड़े स्तर पर पैसे जमा होने पर इन्हें बंद कर देते हैं। इस तरह के मामलों में शिक्षित वर्ग के लोग ठग रहे हैं। अधिकतर गैर कानूनी एप को वेस्ट बंगाल, मुंबई और अमेरिका से संचालित किया जा रहा