– कैंप लगाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे गोपाल के चिकित्सा प्रभारी
शिविर में पीड़ितों का दर्द बांटते जनप्रतिनिधि व अधिकारी।
चैडगरा/फतेहपुर। मलवां विकास खंड के महुआ घाट बाढ़ राहत शिविर में रविवार को जहानाबाद विधायक राजेन्द्र पटेल एवं बिंदकी विधायक जयकुमार सिंह जैकी के अलावा अपर जिलाधिकारी विनय पाठक, अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र एवं उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सहित तमाम अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने पहुंच कर 132 बाढ़ पीड़ित परिवारों का दर्द साझा किया।
नरौना बांध से भारी पैमाने पर छोड़े गए पानी के कारण गंगा एवं पाण्डु नदी में आयी भारी बाढ़ से मलवां विकास खंड क्षेत्र के अभयपुर एवं आशापुर ग्राम पंचायत के मजरे बिंदकी फार्म, कलकत्ता फार्म, बेरीनारी, सदनहा, बंबुरी खेड़ा, मल्हू का पुरवा, काली कुंडी, बडाखेडा गांव बुरी तरह से प्रभावित होकर टापू बन गए हैं। तराई क्षेत्र के दर्जनों गांवों के सैकडों किसानों की हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो गयी हैं। बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की सबसे गंभीर समस्या पशुओं के चारा खिलाने की है। उनके पेट भरने की व्यवस्था सरकार एवं समाजसेवी काफी हद तक कर रहे हैं लेकिन उनके मवेशियों का पेट भरने की गंभीर समस्या है। बाढ राहत शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोपालगंज के प्रभारी डा. अरुण द्विवेदी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कैम्प लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं वितरित कर रहे हैं। गोपालगंज पशु चिकित्साधिकारी डा. स्नेहलता गुप्ता अपनी टीम के साथ पशुओं का उपचार कर रही हैं। डॉ गुप्ता ने बताया कि शनिवार को शिविर में 70 मवेशी और आए हैं। जिससे इनकी संख्या तीन सौ के ऊपर हो गयी है। मल्हूखेड़ा के जवाहर, राजू, बाबू, नयाखेड़ा के भूरा, तिलक, जाडे़ का पुरवा के रामनरेश ने बताया कि तिरपाल की व्यवस्था न होने के कारण रात के समय परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाढ़ राहत शिविर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो-दो महिला एवं पुरुष पुलिस कर्मियों के अलावा राजस्व विभाग, ब्लाक कर्मचारियों के साथ अन्य विभागों के कर्मचारी तैनात हैं। शिविर में मौजूद राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि प्रभावित गांवों के तमाम ग्रामीणों ने चेतावनी के बाद भी अपने मवेशियों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया जबकि वह अभी भी सपरिवार अपने गांव में रुक कर बाढ़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं।