इंदौर देशभर में चार महीने से टमाटर के लिए हाहाकार मचा था। कम ही लोगों की रसोई में टमाटर था लेकिन अब भाव में काफी कमी आ गई है। बारिश रुकने और आवक बढ़ने के कारण भाव लगातार गिरते जा रहे हैं। वर्तमान में अच्छा टमाटर शहर में पहुंच रहा है।
इंदौर में टमाटर अपने कम दाम 600 से 700 रुपए कैरेट के भाव के साथ मंडियों में पहुंच रहे हैं। इस वजह से यह मंडी के भीतर खेरची भाव 35 से 40 रुपए किलो हो गया है। हालांकि खेरची मार्केट और ठेलों पर अभी भी 50 से 55 रुपए किलो है।
इंदौर की मंडियों में महाराष्ट्र के येवला, लासलगांव, पलासनेर और संगमनेर के साथ साउथ से तकरीबन 16 गाड़ियों में लगभग 180 टन के आसपास टमाटर की आवक हो रही है। इसके अलावा हर दूसरे दिन लोकल मालवा निमाड़ के खंडवा से भी लगभग 3 से 4 सौ कैरेट टमाटर की आवक शुरू हो गई है। थोक में बेस्ट क्वॉलिटी का टमाटर 40 रुपए किलो और मीडियम 35 रुपए किलो है।
मंडी में भले ही थोक के भाव में टमाटर सस्ता हो गया है लेकिन लोगों को अभी भी महंगा ही मिल रहा है। इसका कारण बिचौलिए हैं। चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी से शहर की खेरची मंडियों तक पहुंचने में सब्जियों को तीन-चार बिचौलियों के बीच से होकर गुजरना होता है। इसके कारण थोक में सब्जियां सस्ती होने के बाद भी आम जनता को महंगी मिलती हैं। दूसरा कारण यह भी है कि सब्जियों का स्टोरेज नहीं किया जाता और छोटे खेरची व्यापारी अपनी नुकसानी को पूरा करने के लिए ऊंचे दामों में बेचते हैं।
एक माह पहले टमाटर की स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि रोजाना आवक करीब 40 टन रह गई थी। इस वजह से टमाटर के खेरची भाव डेढ़ सौ रुपए किलो तक पहुंच गए थे। आम तौर में इंदौर मे 200 टन तक टमाटर की अवाश्कता होती है। अब आवक तेज होने से भाव में कमी आ गई है। अभी मालवा-निमाड़ के गांवों से टमाटर की आवक शुरू होना बाकी है। मालवा-निमाड़ के साथ साथ इंदौर के आस पास से दिवाली तक अच्छी आवक होने लगेगी इसके बाद भाव में और कमी आएगी।
देश के पश्चिमी हिस्से महाराष्ट्र में टमाटर की सबसे ज्यादा पैदावार होती है। भाव अधिक होने के दौरान नासिक के आसपास के गांवों से टमाटर इंदौर पहुंच रहा था। महाराष्ट्र के सबसे नजदीक है। इसलिए यहां महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में सब्जियों की आवक होती है। इस दौरान खेरची टमाटर के भाव 150 से 200 रुपए तक पहुंच गया था। थोक में लगभग 800 से 100 रुपए तक बिक रहा था
टमाटर के भाव अचानक बढ़ने से लोगों ने कच्चे टमाटर के स्थान पर दही, टमाटर सॉस और टमाटर प्यूरी जैसे विकल्पों का उपयोग करना शुरू कर दिया था। टमाटर के थोक व्यापारी गौरव चौहान बताते हैं कि चोइथराम मंडी में टमाटर की आवक पिछले दो दिनों से बढ़कर 3 हजार से 4 हजार कैरेट प्रतिदिन हो गई है, जबकि पिछले महीने में यह 1500-2000 कैरेट थी। आने वाले हफ्तों में टमाटर की आवक अच्छी होने से कीमत में और गिरावट आएगी।
साईं कृपा टमाटर कम्पनी के योगेश विहरे कहते हैं कि सितंबर-अक्टूबर तक में खंड़वा, और राजगढ़,खरगोन, झाबुआ, आलीराजपुर से टमाटर की आवक शुरू हो जाएगी। इसके बाद महाराष्ट्र पर निर्भरता खत्म होगी। भाव भी 19 से 20 रुपए किलो हो जाएंगे। इंदौर से गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य जगहों के लिए टमाटर का निर्यात होने लगेगा।
प्रदेश में अचानक तेज बारिश और बिपरजॉय तूफान के कारण टमाटर की फसल का भारी नुकसान हुआ था। महाराष्ट्र और बेंगलुरु की मंडियों से टमाटर की आपूर्ति हो रही थी। इसका भरपूर फायदा थोक व्यापारियों ने उठाया। टमाटर महंगे होने पर सभी गाड़ियां महाराष्ट्र के नारायणगांव और संगमनेर से आ रही थी। बड़ी बात है कि ये माल वहां के किसानों का भी नहीं होता था। इंदौर के थोक व्यापारियों सारा माल वहां खरीद कर ट्रांसपोर्टर के जरिए महाराष्ट्र से बुलवाते थे, और अपने मान मुताबिक भाव में बेचते थे।