किम जोंग बोले- देश पर परमाणु हमले का खतरा, रक्षा के लिए तैयार रहे नेवी; साउथ कोरिया गैंग बनाकर कर रहे युद्धाभ्यास

 

विदेश: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अपनी सेना को हमले की स्थिति में देश की रक्षा करने के लिए तैयार रहने को कहा है। उन्होंने अपनी नेवी को भी और शक्तिशाली बनाने की बात कही है। उन्होंने अमेरिका पर कोरियन पेनिनसुला के जलक्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने का आरोप लगाया है। साथ ही तानाशाह ने परमाणु हमले का भी खतरा बताया है।

 

नॉर्थ कोरिया में नेवी डे के मौके पर भाषण देते हुए किम जोंग ने कहा- अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया के गैंग ने रेगुलर जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज की घोषणा की है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, तानाशाह ने कहा- ये युद्धाभ्यास हमारे देश पर हमले के लिए किया जा रहा है। ऐसे में हमारी नेवी को हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रहने और दुश्मनों की इच्छाशक्ति को तोड़ने की कोशिश करनी होगी।

 

KCNA के मुताबिक, तानाशाह ने कहा कि नॉर्थ कोरिया की नेवी परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है। अमेरिका और दूसरे देशों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से कोरियन पेनिनसुला का जलक्षेत्र दुनिया के सबसे खतरनाक जलक्षेत्र और सबसे बड़े युद्ध के कंसेन्ट्रेशन स्पॉट में तब्दील हो गया है। अमेरिका और साउथ कोरिया की मिलिट्री ने 21 अगस्त को 11 दिन की जॉइंट ड्रिल की शुरुआत की थी।

 

नेवी डे पर किम जोंग ने कहा- देश की सभी मिलिट्री यूनिट्स को नए हथियार दिए जाएंगे। साथ ही टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का जखीरा भी बढ़ाया जाएगा। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि तानाशाह अपनी नेवी को जल्द ही परमाणु हमला करने में सक्षम मिसाइलें सौंपने वाला है।

 

इस युद्धाभ्यास के जवाब में नॉर्थ कोरिया ने मिसाइलों का परीक्षण किया। AP के मुताबिक, 2022 से लेकर अब तक तानाशाह करीब 100 हथियारों की टेस्टिंग कर चुके हैं। इनमें से कुछ परमाणु हमले में सक्षम मिसाइल भी शामिल थीं। नॉर्थ कोरिया ने बताया था कि ये मिसाइलें जरूरत पड़ने पर जापान, साउथ कोरिया के अलावा अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम हैं।

 

इस महीने की शुरुआत में UN ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की थी कि नॉर्थ कोरिया परमाणु हथियार और उससे जुड़े दूसरे इक्विपमेंट्स बना कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि नॉर्थ कोरिया पर UN की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद वो परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम चला रहा है।

 

नॉर्थ कोरिया इसके लिए साइबर चोरी की मदद ले रहा है। UN के सैंक्शन्स पर नजर रखने वाली मॉनिटरिंग एजेंसी ने UNSC की कमेटी को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2022 में नार्थ कोरिया के हैकर्स ने 1.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 14 हजार करोड़ की साइबर चोरियां की। इसके लिए दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी और फाइनेंशियल एक्सचेंज को टारगेट किया गया था।

 

मार्च में नॉर्थ कोरिया ने कई इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सहित दूसरी मिसाइलों की टेस्टिंग की थी। देश ने पहली बार अपने परमाणु हथियार दुनिया के सामने पेश किए थे। इस दौरान नॉर्थ कोरिया ने और भी खतरनाक परमाणु हथियार बनाने की बात कही थी।

 

न्यूक्लियर एक्सपर्ट्स का मानना है कि नॉर्थ कोरिया के हथियार बेशक छोटे हैं फिर भी इन्हें इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों पर लगाकर अमेरिका और साउथ कोरिया में तबाही मचाई जा सकती है। सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्यून सू के मुताबिक मार्च में ऑफिशियली दिखाए गए नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियार 2016 के मुकाबले बड़े हैं। इससे परमाणु हथियार बनाने में उनकी तरक्की साफ दिख रही है।

 

नॉर्थ कोरिया पर साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने उसके न्यूक्लियर और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की वजह से प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके बाद साल दर साल इन प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया गया।

 

 

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