यूपी में INDIA के सीट बंटवारे का प्लान तैयार, अखिलेश यादव 48 सीट पर लड़ेंगे; 32 दूसरे दलों को मिलेंगी

 

लखनऊ: विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन की तीसरी बैठक आज से मुंबई में शुरू हो रही है। इसके लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुंबई पहुंच चुके हैं। चर्चा है कि मीटिंग में अखिलेश RLD प्रमुख जयंत चौधरी और अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की मौजूदगी में यूपी की 80 लोकसभा सीटों को लेकर लेकर मीटिंग में प्लान पेश करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश 60% सीटों यानी 48 सीट पर खुद लड़ेंगे और 40% यानी 32 सीटें दूसरे दल के खाते में जाएंगी। माना जा रहा है कि I.N.D.I.A. का LOGO और राज्यवार सीट के बंटवारे पर भी सभी दल अपना प्रस्ताव पेश करेंगे।

 

 

बीते तीन दशक में उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर होने वाली कांग्रेस देश में I.N.D.I.A की अगुवाई कर रही है। लेकिन, 1989 के चुनाव के बाद प्रदेश की सत्ता में कभी कांग्रेस वापस नहीं आई। यूपी में कांग्रेस अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 2.33% तक सिमट चुका है। ऐसे में अब I.N.D.I.A की सारी निगाहें सपा की ओर हैं।

 

 

हालांकि यह भी बड़ा सवाल है कि क्या सपा और कांग्रेस एक-दूसरे से हाथ मिलाएंगे? इस पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यूपी जीतने के लिए सपा और कांग्रेस का हाथ मिलाना ही होगा। क्योंकि यूपी में I.N.D.I.A कामयाब तभी हो सकता है, जब सपा और कांग्रेस एक बार फिर से हाथ मिलाएं। सपा I.N.D.I.A गठजोड़ की सबसे अहम कड़ी है। क्योंकि कोई भी गठबंधन देश में बिना यूपी को साधे सफल नहीं हो सकता है। हालांकि, विपक्षी दलों का यह गठबंधन कितना सफल होगा? यह आने वाला समय और चुनाव परिणाम ही बताएगा।

 

 

2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था। तब 403 सीटों में से कांग्रेस ने 105 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि सपा 298 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में थी। 2017 चुनाव में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को सिर्फ 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सपा को केवल 47 सीटों पर कामयाबी मिली थी।

 

 

राजनीतिक जानकारों का मानना है, ”देशभर में दलितों की राजनीति और उत्तर प्रदेश की सत्ता में चार बार कब्जा जमाने वाली बसपा के बिना I.N.D.I.A कितना कामयाब होगा, यह राजनीतिक पहेली बन गई है। बसपा प्रमुख ने विपक्षी दलों के बैठक से पहले एक बार खुल के फिर से ऐलान किया है कि वह यूपी समेत देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी।

सपा की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा, ”अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का चेहरा होना चाहिए। वहीं इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की ओर से राहुल गांधी का नाम लिया गया। इन दोनों के अलावा कई दूसरे कांग्रेसी नेता भी राहुल गांधी का नाम ले चुके हैं।

 

 

I.N.D.I.A बैठक में सीटों के बंटवारे पर राज्यवार ढंग से मंथन होगा। कहा जा रहा है कि पार्टियों के जनाधार और पिछले चुनावों में दलों की कामयाबी को आधार बनाकर इस पर चर्चा हो सकती है। क्योंकि जब तक गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो जाता, तब तक विपक्षी दलों के बीच साझा मुहिम आगे नहीं बढ़ पाएगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि सब कुछ जल्द से जल्द तय हो जाए कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा

 

 

2024 लोकसभा चुनावों को देखते हुए संयुक्त विरोध प्रदर्शनों और रैलियों को करने के एक अन्य पैनल की घोषणा हो सकती है।

विपक्षी दलों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने के लिए एक संयुक्त सचिवालय की भी जल्द घोषणा हो सकती है।

बैठक में सभी पार्टियों के आपसी मतभेद को दूर किया जाएगा। खासकर उन राज्यों में जहां वे सीधे चुनावी लड़ाई में हैं।

11 सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमेटी मुंबई में होने वाली तीसरी मीटिंग में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा करेगी।

 

विपक्ष पहली बैठक पटना में 23 जून को हुई थी। बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक हुई थी। बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक हुई थी। इसमें ही विपक्षी एकता गठबंधन का नाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने I.N.D.I.A तय किया।

 

 

ये दल हैं I.N.D.I.A. का हिस्सा
गठबंधन में कांग्रेस, TMC, DMK, AAP, JDU, RJD, JMM, NCP (शरद गुट), शिवसेना (उद्वव गुट), SP, एनसी, PDP, CPM, CPI, RLD, MDMK, केएमडीके, वीसीके, आरएसपी, सीपीआई-एमएल (लिबरेशन), फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और एमएमके शामिल हैं।

 

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