जयपुर आए एक्टर आफताब बोले- लोगों को एंटरटेन करने वाले किरदार पसंद करता हूं, लेकिन ऐसी फिल्में कम मिली
बॉलीवुड: म्यूजिक वीडियो एलबम बरसात के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड एक्टर आफताब शिवदासानी, एक्ट्रेस भाग्यश्री चौहान और डायरेक्टर अमन प्रजापत जयपुर आए। यहां उन्होंने वैशाली नगर स्थित एक सैलून में गाने की सक्सेस को सेलिब्रेट किया। इस गाने को जयपुर के अमन प्रजापत ने डायरेक्ट किया है और इसकी पूरी शूटिंग जयपुर में ही हुई है। इस गाने काे सौरभ प्रजापत ने प्रोड्यूस किया है।
एक्टर आफताब शिवदासानी ने बताया- मैं एक्शन और थ्रिलर के जॉनर को सबसे ज्यादा पसंद करता हूं, लेकिन ये ही सबसे कम करने को मिली है। इंडस्ट्री में जिस तरह का काम चल जाता है, वैसे ही किरदार आगे गढ़े जाते हैं।
आफताब ने कहा- बरसात एक स्पेशल शब्द है। हमारे गाने में यह अच्छी तरह से फिट हो रहा था, तो अमन को लगा कि इसका टाइटल यही होना चाहिए। इसमें बरसात के इमोशंस को दिखाया गया है कि हीरो की प्रेमिका के साथ बरसात में किस तरह की यादें रही है। एक अच्छा सा फील है, आशिकी का फील है। लव स्टोरी को एक अलग अंदाज में इस गाने में पेश किया है। इसका डायरेक्शन अमन प्रजापत ने किया है और इसमें मेरे साथ यंग एक्ट्रेस भाग्यश्री है।
आफताब ने कहा कि यह एक फिक्शनल कहानी है, इसलिए हम किसी भी तरह का कोई मैसेज नहीं दे रहे हैं। इस गाने के आखिर में हीरो बेवफाई से खफा होकर खुद की जान ले लेता है। हम इसे सपोर्ट नहीं करते हैं। हम कभी नहीं चाहेंगे कि कोई भी इस परिस्थिति में ऐसा कदम उठाए।
उन्होंने कहा- हर आशिक का अपना-अपना नजरिया होता है। अपनी-अपनी फीलिंग होती है। अपने प्यार को लेकर आशिक का अपना जज्बा होता है। गाने में हमने एक अलग तरह की फीलिंग दिखाई है। हम इस गाने के जरिए दर्शकों को प्यार से भिगाने वाले हैं।
डायरेक्टर अमन प्रजापत ने कहा- मैं जयपुर से हूं और मुंबई रहता हूं। शूटिंग से दो दिन पहले ही जयपुर आया था, उस वक्त पूरा शहर बारिश में भीगा हुआ था। मैं एक बार टेंशन में आ गया था कि कैसे शूट करेंगे। घुटनों तक पानी भरा हुआ था। हालांकि मैंने अधिकांश शूट इनडोर ही प्लान किए हुए थे। शहर की अलग-अलग लोकेशन पर मैंने इस गाने को शूट किया। इसमें लाइट हाउस, रोसाडो, सफारी होटल सहित कई लोकेशन शामिल थी। जिस दिन शूट किया, उस दिन बारिश नहीं हुई।
आफताब ने बताया- इस साल मैंने रिवाज फिल्म की है, जो सोशल ड्रामा जॉनर पर बनी है। यह दिसंबर के लास्ट में या नए साल की शुरुआत में आएगी। उन्होंने बताया- हर प्रोजेक्ट की अपनी रिक्वायरमेंट होती है, अपनी एक कहानी होती है। जिस तरह से गानों के बोल लिखे होते हैं, कहानी और माहौल उसी तरह का बनाया जाता है। मैं नहीं मानता कि ट्रेंड पर कोई गाना बनता है। यह कोइंसिडेंस हो सकता है कि बेवफाई, धोखा या अन्य विषयों पर इस दौर में गाने बने। हर गाना अलग होता है और अलग मूड में लिखा होता है।
आफताब ने कहा- फिल्मोग्राफी की बात की जाए तो मैंने हर तरह के किरदार निभाए है। मेरा मानना है कि मैं लोगों को एंटरटेन कर सकूं, ऐसे किरदार चुनना पसंद करता हूं। मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि आपको कौनसा जॉनर पसंद है? यह सच है कि मैं थ्रिलर्स को बहुत पसंद करता हूं, एक्शन करना चाहता हूं, लेकिन मैंने सबसे कम ऐसी फिल्में की है। लेकिन ऐसा होता है कि जो फिल्में चलती है, उसी तरह के किरदारों के साथ कास्ट किया जाता है।
आफताब ने कहा- मेरा मानना है कि कुछ अलग हो, सोसायटी को कुछ देने वाला किरदार हो, एक दम नया हो, एक्साइटेड करने वाला हो, ऐसा किरदार चुनना पसंद करता हूं। मैं हमेशा सोचता हूं कि मेरे दर्शकों को क्या नया दूं। इसी पर मेरा फोकस रहता है। लोग मुझसे पूछते हैं कि आप इतना कम काम क्यों करते हो? इस पर मैं यही कहता हूं कि मैं न तो सिलेक्टिव हूं और न ही जानबूझकर कम काम करता हूं। मेरा प्रयास रहता है कि लोग हमेशा मुझे नए नजरिए के साथ देख सके, इसी वजह से थोड़ी कम फिल्में ही कर पाता हूं।
आफताब ने कहा कि गदर के बाद सबसे ज्यादा इसकी खुशी है कि लोग सिनेमा की तरफ वापस आए हैं। लोग कह रहे थे कि थिएटर की तरफ कोई नहीं आएगा, ओटीटी का जमाना है। जब स्पेशल ऑप्स का प्रमोशन कर रहा था तो लोग कह रहे थे कि ओटीटी का मीडियम थिएटर को खत्म कर देगा, लेकिन मैं उस वक्त भी यही कहता था कि सिनेमा और ओटीटी साथ में चल सकते हैं। जो ऑडियंस थिएटर का एक्सपीरियंस लेना पसंद करती है, वह वहां जरूर जाएगी।
आफताब ने कहा- दर्शकों को ऑप्शन मिल गया, जो बेहतर है। इससे कंटेंट अच्छा मिल रहा है। इस समय को लोग गोल्डन फेज ऑफ बॉलीवुड कह रहे हैं। मेरा मानना है कि बॉलीवुड हमेशा गोल्डन फेज में रहा है। इसमें कोई ट्रेंड नहीं है, कोरोना के वक्त थोड़ा विराम लगा था, लेकिन अब फिर से थिएटर गुलजार हैं। दोनों मीडियम चलते रहेंगे। हम तो एक्टर हैं, हमें एक्टिंग करना है। कोई भी मीडियम हो, हम अपनी परफॉर्मेंस पर ही फोकस रखते हैं। एक्टर्स के पास आज बहुत ऑप्शन है।
आफताब ने कहा कि राजस्थान फिल्म फेस्टिवल को मैंने होस्ट करने का निर्णय लिया है और यह सिर्फ रीजनल फिल्मों के लिए कर रहा हूं। हमारा देश बहुत बड़ा है, इसमें बहुत सारी रीजनल फिल्में बन रही है। उनकी कहानियां और अंदाज बिल्कुल अलग है। अलग-अलग भाषाओं में लोग एंटरटेन हो रहे है, इनके प्रोत्साहन के लिए मैंने यह काम चुना है।
आफताब ने कहा- वैसे जयपुर शहर की मेहमान नवाजी में कभी बदलाव नहीं आया है। मैं कई साल से यहां आ रहा हूं और हमेशा बहुत प्यार मिला है, यहां घर जैसी फीलिंग होती है। इस राज्य की एक अलग पहचान है। यहां कितनी कहानियां है, जो प्रेरित करती है। कितने सारे पैलेस है, जो अपनी भव्यता को दर्शाते है। यहां मैंने काफी शूट किया है। बॉलीवुड में बहुत से प्रोजेक्ट यहां शूट हो चुके हैं, लेकिन अभी तक 10 प्रतिशत ही इसकी लोकेशन नजर आई है। अभी बहुत कुछ दिखाना बाकी है।
भाग्यश्री ने कहा कि बहुत कुछ सीखने को मिला। आफताब के साथ लर्निंग एक्सपीरियंस रहा है। इसमें मैंने भारी भरकम लहंगे में शूट किया है, इसी का परिणाम था कि मैं चलते वक्त गिरने वाली थी, लेकिन आफताब ने मुझे बचा लिया। ऐसे कॉस्ट्यूम में कभी भी शूट करना आसान नहीं होता है। उन्होंने कहा- मैं कभी नाम चेंज नहीं करूंगी, मेरे नाम का सरनेम बिल्कुल अलग है। मैं भाग्यश्री चौहान हूं और इसी नाम से पहचाना जाना पसंद करूंगी।