फतेहपुर के सुमित ने आदित्य एल-1 के पेडोल में दिया सहयोग

– अब भारत सूर्य मिशन मंे रचेगा इतिहास
इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार।
फतेहपुर। मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने पूरे विश्व में इतिहास रच दिया है। मिशन चंद्रयान की इस अभूतपूर्व, ऐतिहासिक और विश्व व्यापी अभियान में उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद फतेहपुर के इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार की अहम भूमिका रही है। अब वैज्ञानिक सुमित कुमार को सूर्य मिशन में भी शामिल किया गया है। जैसे ही वैज्ञानिक के सूर्य मिशन में शामिल होने की खबर मिली तो गौरवान्वित महसूस करते हुए जनपदवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं वैज्ञानिक की सफतला को खुशियों के त्योहार रक्षाबंधन का ऐतिहासिक तोहफा बताया है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार अब मिशन के जरिये सूर्य को और बेहतर समझने में सूर्य मिशन के लिए लांच होने वाले आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के लिए पेलोड तैयार किया है।
खागा तहसील के कस्बा स्थित विजयनगर मोहल्ले के रहने वाले अर्जुन सिंह के वैज्ञानिक बेटे सुमित कुमार इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। वर्तमान में वैज्ञानिक सुमित कुमार अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मिशन चंद्रयान-3 की विश्व स्तरीय सफलता के बाद अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुमित कुमार ने मिशन के जरिये सूर्य को और बेहतर समझने में सूर्य मिशन के लिए लांच होने वाले आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के लिए अपनी टीम के साथ पेलोड तैयार किया है। इसरो वैज्ञानिक सुमित कुमार ने आईआईए बेंगलुरु के साथ मिलकर विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ नाम से पेलोड तैयार किया है। पेलोड में सात कैमरों का इस्तेमाल किया गया है। पेलोड में लगे चार कैमरे सूर्य की गतिविधिओं को देखेंगे, वहीं तीन कैमरे एल-1 पॉइंट में कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे।

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