ओमप्रकाश गौतम संवाददाता
अतर्रा/बांदा | उमस भरी गर्मी एवं चिलचिलाती धूप में जहां एक ओर आम जनमानस त्राहि त्राहि कर रहा है ,वहीं एक मात्र सहारा बिजली जो कि अपनी अनियमित कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से ग्रामीणों को खून के आसू रूला रही है | वैसे इस साल मौसम ने भी अपनी नजर मानव जीवन के लिए टेढ़ी कर रखी है क्योंकि बरसात के मौसम में भी इस साल बहुत ही कम बारिश हुई हैं | बुंदेलखंड में तो सूखे जैसे हालात देखने को मिल रहे है | एक तरफ प्रकृति की मार और दूसरी तरफ बिजली की आखमिचौली से किसान अपने भरण पोषण के लिए अन्य उत्पादन करने भी में भी अक्षम नजर आ रहा है | बारिश कम हो रही है धूप इतनी तेज निकल रही है जिससे अनेक प्रकार की बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं वहीं बिजली की लो वोल्टेज और असामयिक कटौती के चलते तो लोगों का जीना ही दुश्वार हो रहा है | कहने को तो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गांव में 20 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है, लेकिन उन हुक्मरानों को कौन समझाए जो 24 घंटे A/C में बैठकर के कागजों में खाना पूर्ति करते हैं | अगर एक रात आप बांदा जिले के किसी गांव में बिता करके देखें तो आपको पता चलेगा कि बिजली की आंख मिचौली के खेल से जनजीवन किस तरह से त्राहि त्राहि कर रहा है | अतर्रा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत अतर्रा ग्रामीण ,बरेड़ा, थनेल, आऊ, सेमरीय सहित दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने बताया की बिजली की तारे मात्र शोपीस के लिए लगी हुई है , बिजली तो पूरे दिन में दो से चार घंटे भी बराबर नहीं आती है हम लोगों का जीवन तड़प तड़प के कट रहा है | ग्राम पंचायत आऊ, बरेहंडा के ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर जो लाइनमैन लगे हुए हैं वह फाल्ट ठीक करने और फ्यूज जोड़ने के नाम पर आए दिन हम लोगों से ₹400 ₹500 वसूलते हैं और हम लोगों का लगातार शोषण कर रहे हैं |
समाजसेवी एवं भाजपा नेता दीनदयाल द्विवेदी ने बताया कि इस विषय पर उपखंड अधिकारी से वार्ता की गई है तो उसमें उन्होंने बताया कि लोड अधिक होने के कारण आए दिन फॉल्ट बना रहता है जिसके चलते अनियमित कटौती होती है जिन गांवों में नंगी वायर हैं उनको हटा करके केबल डाली जा रही है 10 से 15 दिनों के अंदर समस्याओं का समाधान होगा |