न्यूज़ वाणी ब्यूरो -मुन्ना बक्श
-जिला अस्पताल से दो बार दी गई सूचना फिर भी पुलिस रही बेपरवाह
बांदा ।एक लावारिस अस्पताल में खून की कमी से दम तोड़ गया। इस पर अस्पाल प्रशासन की ओर से शव को जिला अस्पताल की मच्र्युरी हाउस में रखवा दिया और पुलिस को सूचना दी। लेकिन लापरवाह पुलिस ने सूचना को कोई तवज्जो न दी। मसलन 12 दिनों तक शव बिना फ्रीजर के मच्र्युरी हाउस में रखा सड़ता रहा। सड़ाध उठने लगी। इस पर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दोबारा सूचना दी। संवेदनहीनता की हद तो यह है कि दोबारा सूचना देने के तीसरे दिन पुलिस मच्र्युरी हाउस पहुंची और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजा।
नरैनी कस्बे में सड़क किनारे अज्ञात 30 वर्षीय युवक लावारिस हालत में 18 अगस्त को मिला था। वह बीमारी से जूझ रहा था। कस्बावासियों ने पुलिस को सूचना दी। होमागार्ड मातादीन ने उसे अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। उसको खून की कमी थी। उपचार के दौरान 19 अगस्त की शाम करीब साढ़े सात बजे युवक ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के चिकित्सकों ने शव को जिला अस्पताल की मच्र्युरी में रखवा दिया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। लेकिन पुलिस ने इस सूचना का संज्ञान नहीं लिया। शव मच्र्युरी हाउस में ही बिना फ्रीजर पंचायतनामा भरने के लिए रखा रहा। दिन गुजरते गए और शव की दुर्दशा होती रही।
11वें दिन 29 अगस्त को जिला अस्पताल प्रशासन ने दोबारा पुलिस को सूचना दी। इस पर भी पुलिस तत्काल मौके पर नहीं पहुंची। तीसरे दिन 31 अगस्त को पुलिस ने सूचना का संज्ञान लिया और पंचनामा भरने के लिए मर्चरी हाउस पहुंची। 12 दिनों में बिना फ्रीजर के मच्र्युरी हाउस में रखा शव सड़ चुका था। उससे सड़ांध उठ रही थी। बमुश्किल पुलिस कर्मियों ने शव का पंचनामा भरा और उसे पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया गया। कुल मिलाकर पुलिस की लापरवाही और संवेदनहीनता की वजह से लावारिस युवक का शव मच्र्युरी में सड़ गया और उसकी दुर्दशा हो गई।
फ्रीजर न होने से गल जाता है शव
जिला अस्पताल के सर्जन डा. रामेंद्र कुमार ने बताया कि बिना फ्रीजर के रखा जाने वाला शव दिन गुजरने के साथ ही गल जाता है। उसमें पोस्टमार्टम के दौरान मृत्यु के कारणों का पता भी नहीं चलता। हालांकि लावारिस शव का पोस्टमार्टम 72 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। इधर, फिजीशियन डा. हृदयेश पटेल ने बताया कि फ्रीजर के अभाव में दिन गुजरने पर शव गल जाता है। कीड़े तक पड़ जाते हैं और शव को पहचानना भी मुश्किल हो जाता है। डीएनए से ही पहचान संभव होती है।
खराब पड़ा है मच्र्युरी हाउस का एक सीटर फ्रीजर
जिला अस्पताल की मर्चरी हाउस में एक फ्रीजर है, लेकिन वह कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है। इस मर्चरी में कुछ घंटों के लिए ही शव रोके जाते हैं। पुलिस पंचनामा भरकर तत्काल शवों को मेडिकल कालेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस भिजवाती है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने संवेदनहीनता का परिचय दिया और शव का पंचनामा भरने का समय पुलिस को नहीं मिला। मसलन 12 दिनों तक शव सड़ गया। मच्र्युरी के फ्रीजर की मरम्मत कराने की ओर जिला अस्पताल के जिम्मेदारों का ध्यान ही नहीं गया।
सदर सीओ करेंगे मामले की जांच : एएसपी
बांदा। 12 दिन तक लावारिस शव जिला अस्पताल की मर्चरी में बिना फ्रीजर के रखा रहना लापरवाही साबित करता है। अपर एसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने कहा कि इस मामले की जांच सीओ नरैनी करेंगे। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस घटना पर दो पुलिस कांस्टेबल को एसपी ने निलंबित कर दिया है।