आतंकी आतिफ और फैसल एनआईए कोर्ट ने दिया दोषी करार, 11 सितंबर को एनआईए कोर्ट सुनाएगा फैसला

 

कानपुर के रिटायर्ड टीचर के हाथ में बंधे कलेवा से हिंदू पहचान देखकर करके हत्या करने के आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के सदस्य आतिफ़ मुजफ्फर और मोहम्मद फ़ैसल को एटीएस/एनआईए के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने दोषी ठहराया है। कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाने के लिए 11 सितंबर की तारीख़ तय करते हुए आरोपियों को जेल से तलब किया है। कोर्ट ने एनआईए की जांच में पाया कि यह आतंकी भारत की अखंडता, एकता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा पहुंचाने, काफ़िरों को जान से मारने की जंग छेड़ चुके थे।

 

एनआइए की चार्जशीट में बताया गया जब कानपुर के चकेरी के रहने वाले फ़ैसल को गिरफ़्तार किया तो उसने बड़े खुलासे किए। फ़ैसल ने बताया की जहां आतिफ़ मुजफ्फर और सैफ़ुल्लाह उसके मोहल्ले के ही रहने वाले है। फ़ैसल ने इस साज़िश का खुलासा करते हुए बताया था की वो सभी लोग आइएसईआइएस की तंजीम से बहुत प्रभावित थे और सभी ने जाजमऊ टीले पर दीन और इस्लाम के लिए कुछ करने और जेहाद करने की क़सम ली थी। इन कट्टरपंथियों ने ख़लीफ़ा की क़सम भी ली थी कि ये सभी ख़लीफ़ा के हुक्म की तामील करेंगे और ख़लीफ़ा की हुक्मउदुली नहीं करेंगे। ये सारे कट्टरपंथी इस बात पर विश्वास करते थे की ख़लीफ़ा की दिखाई राह पर चलकर उन्हें जन्नत मिलेगी और जन्नत में उनके स्वागत के लिए हूरे मौजूद रहेंगी।

 

कानपुर के चकेरी थाने में 24 अक्तूबर 2016 को दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कराकर बताया गया था की वादी के पिता रमेश बाबू शुक्ल स्वामी आत्मा प्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाई स्कूल में तीस सालो से टीचर है। कहा गया कि 24 अक्तूबर 2016 को वादी के पिता रमेश बाबू स्कूल से वापस आ रहे थे तभी किसी ने उन्हें गोली मार दी। जिन्हें अस्पताल ले जया गया कहा उनकी मृत्यु हो गई थी।

 

 

7 मार्च 2017 को एटीएस सूचना मिली कि उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट की साजिश में शामिल रहा इस्लामिक स्टेट का आतंकी काकोरी रोड के पास एक मकान में रह रहा है। सूचना पर एटीएस और पुलिस ने दबिश दिया जहा मुठभेड़ के बाद आतंकी सैफुल्लाहपुलिस की गोली से मारा गया। इस दैरान एटीएस को सैफुल्लाह के घर से काफी मात्रा में हथियार,गोला बारूद के साथ ही आपत्तिजनक समान मिला था। जिसपर मामले की विवेचना एनआइए को सौंप दी गई थी, विवेचना के दौरान एनआईए को पता चला कि सैफुल्लाह के घर से जो हथियार बरामद हुए थे। उनका प्रयोग कानपुर के शिक्षक की हत्या समेत अन्य अपराध में भी हुआ है।

 

 

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