बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल ने हाल ही में बताया कि बचपन में अपने लुक्स और पर्सनालिटी के चलते उन्हें लोगों के बीच झिझक होती थी। एक्टर ने ये भी बताया कि यह झिझक बचपन से लेकर बॉलीवुड करियर के शुरुआती दौर तक उनके मन में रही, जिस कारण उन्हें एंग्जाइटी भी होने लगी थी।
दरअसल, विक्की कौशल हाल ही में निखिल तनेजा के शो ‘बी ए मैन यार’ में बतौर गेस्ट पहुंचे थे। इस दौरान विक्की ने अपने बचपन, लव लाइफ और करियर के बारे में बात की।
विक्की ने कहा- ‘कभी किसी ने मेरे साथ बुरा बर्ताव नहीं किया, इसके बावजूद मैं अंदर-अंदर दबा हुआ महसूस करता था। मुझे इनफीरियॉरिटी काम्प्लेक्स था। मुझे लगता है कि मेरा शर्मीलेपन और भीड़ से डर का कारण भी यही है।’
विक्की ने आगे कहा- ‘मैं हमेशा से ही बहुत दुबला-पतला था, मुझे लगता था कि मैं किसी से नहीं लड़ सकता। 20 या 21 साल की उम्र तक मेरी दाढ़ी भी नहीं बढ़ पाती थी। मैं स्टेज पर जाना चाहता था। मुझे एक्टिंग करना बहुत पसंद था, लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि मैं एक एक्टर बन सकता हूं या नहीं। मैंने कभी भी हीरो का रोल निभाने के बारे में सोचा भी नहीं था। मैं सिर्फ एक्टिंग करना चाहता था।’
उन्होंने आगे कहा- ‘मेरे अंदर अपने लुक्स को लेकर हमेशा से एक डर था। मैं खुद को इतना नुकसान पहुंचा रहा था कि किसी बाहरी को मुझे परेशान करने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी। ’एक्टर ने बताया कि उनके दोस्तों या परिवारवालों ने उन्हें कभी भी ऐसा महसूस नहीं करवाया। ये चीजें सिर्फ उनके मन में ही चल रहीं थी।
विक्की ने आगे कहा- ‘हमारे समाज में पुरुष की डेफिनेशन क्या है? अच्छी हेल्थ होना, दाढ़ी होना और अच्छे बाल होना। अगर आपके पास ये चीजें हैं तभी आपको मर्दाना माना जाता है। तभी आप लोगों को मजबूत दिखते हैं। अगर आप दुबले-पलते हैं, आपका चेहरा बच्चों की तरह है, तो लोग आपको मर्दाना नहीं मानते हैं। इस कारण मैं अपने टीनएज में बहुत परेशान रहता था। मुझे लगता था कि मेरा वजन क्यों नहीं बढ़ रहा है? मेरे दिमाग में ये सारी चीजें हमेशा चलती रहती थीं।’
विक्की ने बताया कि आगे चलकर क्रिकेट की वजह से उन्हें अपना कॉन्फिडेंस वापस मिला। एक्टर को अच्छा लगता था जब दोस्तों के बीच क्रिकेट में कैप्टन्स उन्हें अपनी टीम में लेना चाहते थे।
विक्की ने बताया कि इंडस्ट्री में आने के बाद उन्हें एंग्जाइटी का सामना करना पड़ा। एक्टर ने कहा- ‘मैं टूटा हुआ महसूस कर रहा था। ऐसा लगता था मानों मैं किसी बोतल में बंद हूं, जहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।’
विक्की ने कहा कि उस मुश्किल वक्त में एक्टिंग ने उनकी बहुत मदद की। वह फिल्म के सीन्स में असल में रोया करते थे और किसी को भी पता नहीं चलता था कि ये इमोशन्स कहां से आ रहे हैं।