दो दिन भारत में अटके रहे ट्रूडो कनाडा रवाना, कनाडाई PM का स्टेट प्लेन खराब हो हुआ था

 

विदेश। G20 समिट के लिए भारत आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 2 दिन दिल्ली में फंसे रहने के बाद आज दोपहर अपने देश रवाना हो गए। उन्हें समिट खत्म होने के बाद रविवार रात को ही कनाडा जाना था। हालांकि, प्लेन में तकनीकी खराबी आने की वजह से उनका प्लेन टेकऑफ नहीं कर पाया। हालांकि, 36 घंटे बाद उनके प्लेन को ठीक कर लिया गया।

 

 

रविवार को प्लेन खराब होने के बाद जस्टिन ट्रूडो को ले जाने के लिए सोमवार रात को एयरबस का प्लेन कनाडा से बुलाया गया। वो भी एक डायवर्शन के चलते समय पर नहीं पहुंच पाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉयल कनाडा एयरफोर्स का प्लेन CC-150 पोलेरिस नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ। हालांकि, उसे लंदन से डायवर्ट कर दिया गया। जबकि प्लेन को रोम से होते हुए भारत आना था। इसे डायवर्ट क्यों किया गया इसकी वजह नहीं बताई गई है।

 

 

ट्रूडो जिस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करते हैं वो 36 साल पुराना है। इसमें पहले भी तकनीकी समस्याएं आई हैं। अक्टूबर 2016 में ट्रू़डो के एयरक्राफ्ट ने बेल्जियम के लिए उड़ान भरी थी, तकनीकी खराबी की वजह से उसे बीच में ही वापस लौटना पड़ा था। 2019 में जब ट्रूडो नाटो के समिट में शामिल होने यूरोप गए तब भी उनके एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी।

 

 

बेटे के साथ भारत आए जस्टिन ट्रूडो G20 के लगभग सभी इवेंट्स में अलग-थलग दिखाई दिए थे। यहां तक कि वो G20 के डिनर में भी शामिल नहीं हुए थे। वहीं, G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से बातचीत की थी। ट्रेड को लेकर भी कोई डील नहीं हो पाई। वहीं खालिस्तानियों के रूप में आतंकियों का समर्थन करने के आरोप लगे।

 

 

इस दौरान उन्होंने जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों में लगे खालिस्तानियों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था- कनाडा में भारतीय डिप्लोमैट्स के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है, भारतीय नागरिकों और उनके धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमले हो रहे हैं। इनके खिलाफ स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाना चाहिए।

 

 

वहीं, बैठक के बाद खालिस्तान के मुद्दे पर ट्रूडो ने कहा- बीते कुछ सालों में मेरी PM मोदी से इस मुद्दे पर बात हुई है। हम हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन सभी का अधिकार है।

 

 

ट्रूडो ने कहा- इसके साथ ही हम हिंसा का विरोध करते हैं और किसी भी तरह की नफरत की भावना को दूर करेंगे। ये ध्यान रखना चाहिए कि कुछ लोगों के एक्शन पूरे कनाडा की सोच को नहीं दर्शाते हैं। हम कानून की इज्जत करते हैं।

 

 

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