जम्मू। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 28 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण एक मार्च से शुरू हो जाएगा। देशभर में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक और येस बैंक की 32 राज्यों व केंद्र शासित राज्यों में फैली 430 शाखाओं में पंजीकरण शुरू होगा। शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक कर यात्रा प्रबंधों की समीक्षा की। बैठक में राज्यपाल ने निर्देश दिए कि बैंकों की सभी शाखाओं में हर दिन होने वाले श्रद्धालुओं के एडवांस पंजीकरण की जानकारी हासिल की जाए।
13 से कम और 75 से ज्यादा आयु वालों का नहीं होगा पंजीकरण
राज्यपाल ने यह भी कहा कि सभी बैंक शाखाएं यह भी सुनिश्चित बनाएं कि हर दिन पहले से तय संख्या से अधिक यात्रियों का पंजीकरण न हो। यही नहीं, 13 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति का पंजीकरण न हो। चाहे वे आवश्यक स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र ही क्यों न लाए हों। बैठक में राज्यपाल को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों पर किए गए प्रबंधों के बारे में भी बताया गया। इसमें पेयजल, बिजली सप्लाई, रहने के प्रबंध, अस्थायी शौचालय और नहाने की व्यवस्था करना शामिल है।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से 629 प्री-फैब्रीकेटेड शौचालय बनाए जाएंगे। इस बार ये पिछले वर्ष की तुलना में 157 अधिक होंगे। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि यात्रा से पहले समय पर घोड़ों, घोड़े वालों और टेंट वालों का पंजीकरण और उनका इंश्योरेंस किया जाए। बोर्ड के सीईओ उमंग नरूला ने कहा कि यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग और सेना द्वारा पर्याप्त स्वास्थ्य प्रबंध किए जाते हैं। इनमें बेस अस्पताल, मेडिकल एड सेंटर, इमरजेंसी एड सेंटर शामिल हैं। दिल के मरीजों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर भी नियुक्त होते हैं।
इस साल अमरनाथ यात्रा की बढ़ाई गई अवधि
बाबा अमरनाथ की आठ जून से शुरू हो रही पवित्र तीर्थ यात्रा की अवधि इस साल 60 दिन किए जाने से अधिक से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। यह यात्रा 28 जून से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी। यह अच्छी बात है कि यात्रा के लिए एडवांस पंजीकरण पहली मार्च से शुरू हो जाएगा। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एवं अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एनएन वोहरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। वर्ष 2017 में यात्रा की अवधि से 40 दिन निर्धारित की गई थी, जिससे मुस्लिम बहुल क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में राजनीति गर्मा गई। इस वर्ष इसकी अवधि बीस दिन बढ़ा कर 60 दिन कर देशभर के श्रद्धालुओं को मौका दिया गया है कि वे इस यात्रा में शामिल हों और किसी को भी यह न लगे कि उन्हें इस यात्रा से वंचित रखा गया।
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