मोबाइल मरम्मत कराने घर से निकली किशोरी, सिरफिरे आशिक ने दी खौफनाक सजा; घरवालों के पैरो तले खिसकी जमीन

 

वाराणसी: भदोही के लालानगर टोल प्लाजा के पास बक्से में अधजली मिली किशोरी की लाश सिरफिरे आशिक ने की हत्या। वाराणसी के मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के भिखारीपुर कंचनपुर निवासी उपेंद्र श्रीवास्तव ने की थी। इसका खुलासा भदोही की पुलिस ने बुधवार को किया। पुलिस के मुताबिक, दूसरे युवक से प्रेम संबंध होने के शक में आरोपी ने वाराणसी के सिगरा क्षेत्र की किशोरी को घर बुलाया और गला दबाकर मार डाला। फिर शव को बक्से में रखकर बाइक से करीब 55 किलोमीटर दूर भदोही गया। झाड़ियों के पास बक्से को खोलकर किशोरी के शव पर पेट्रोल डाला, फिर आग लगा दी। इसके बाद भाग निकला। शव मिलने के बाद पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और वाराणसी से आरोपी को गिरफ्तार करके घटना का खुलासा किया।

 

लालानगर टोल प्लाजा के समीप झाड़ी में जिस 15 वर्षीय किशोरी का शव पेट्रोल छिड़ककर जलाया गया था, वह सिगरा थाना क्षेत्र स्थित अपने घर से बीते एक सितंबर की सुबह 10 बजे मोबाइल की मरम्मत कराने की बात कहकर निकली थी। काफी खोजबीन के बाद भी जब किशोरी का पता नहीं लगा था तो उसकी मां ने तीन सितंबर को सिगरा थाने में कंचनपुर गेट, भिखारीपुर निवासी उपेंद्र श्रीवास्तव उर्फ बाबू के खिलाफ अपनी बेटी के अपहरण के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।

भदोही जिले की पुलिस ने बुधवार को किशोरी की हत्या के आरोप में उपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। सिगरा थाना के शिवपुरवा क्षेत्र की एक कॉलोनी में एक अधिवक्ता रहती हैं। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनकी इकलौती बेटी घर से निकली तो काफी देरी के बाद भी नहीं आई। इसके बाद बेटी का मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा तो वह चिंतित हुईं और उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका पता कहीं नहीं लगा।

 

 

 

अधिवक्ता ने सिगरा थाने की पुलिस को बताया कि उन्हें पूरा शक है कि उपेंद्र श्रीवास्तव ही उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। अधिवक्ता ने बुधवार को कहा कि सिगरा थाने में उनकी बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई और उसकी खोजबीन का सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा। 10 सितंबर को भदोही जिले के गोपीगंज थाने की पुलिस उनका घर खोजते हुए उनके पास पहुंची। पुलिस ने उनकी बेटी की फोटो दिखाई, तब जाकर उन्हें पता लगा कि अब उनकी बेटी कभी लौट कर घर नहीं आएगी।
अधिवक्ता ने बुधवार को बताया कि उनके पति की मौत हो चुकी है। उनकी इकलौती बेटी ही उनके जीने का एकमात्र सहारा थी। वह इस वर्ष 10वीं की परीक्षा दी थी। अधिवक्ता ने कहा कि पता नहीं किस जन्म की सजा मिल रही है। अपनी फूल सी बच्ची का शव भी नहीं देख सकी। समझ नहीं आ रहा है कि जिंदगी अब किसके सहारे और कैसे कटेगी?

 

 

किशोरी की हत्या के आरोपी उपेंद्र श्रीवास्तव की गिरफ्तारी में सिगरा स्थित सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर के टीएसआई दुर्गेश कुमार सरोज और कांस्टेबल मनीष कुमार बघेल ने भी अहम भूमिका निभाई। दरअसल, भदोही जिले की पुलिस लालानगर टोल के समीप बक्सा में किशोरी का शव फेंकने वाले बाइक सवार उपेंद्र की तलाश में सीसी कैमरों की फुटेज के सहारे बनारस तक आई। इसके बाद पुलिस ने कमांड सेंटर की मदद मांगी।
कमांड सेंटर के पुलिस कर्मियों ने महामनापुरी कॉलोनी, करौंदी, खोजवां, नुआव चौराहा सहित अन्य स्थानों पर लगे 80 से ज्यादा सीसी कैमरों की फुटेज खंगाला। पुलिस के अनुसार, गुमराह करने के लिए उपेंद्र बाइक पर बक्सा लेकर एक-एक स्थान का तीन–चार चक्कर लगा रहा था। इसलिए एक-एक कैमरे की फुटेज ही आठ से दस बार देखनी पड़ी। हालांकि उसके खिलाफ कैमरों की मदद से पर्याप्त साक्ष्य मिल गया था।

 

 

 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि किशोरी का शव व उसका चेहरा पूरा जला था। इस कारण पहचान में दिक्कत आई। गोपीगंज थाने की पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम गठित की गई थी। टीम ने हाईवे के 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज देखे, फिर आरोपी को दबोचने में कामयाब हुई है। पुलिस के पास कुछ नहीं था, लेकिन सही जांच व मेहनत की बदौलत हत्याकांड का खुलासा हो सका।
पुलिस अधीक्षक ने सीसीटीवी कैमरा लगवाने वाले उस दुकानदार कन्हैयालाल गुप्ता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, जिसके कैमरे में हत्यारोपी कैद हुआ है। वह बाइक पर बक्से को रखकर जाता दिख रहा है। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस की टीम को उप महानिरीक्षक विंध्याचल मंडल व एसपी ने 25-25 हजार रुपये का इनाम देने का एलान किया है। अफसरों का कहना है कि अज्ञात शव की पहचान व आरोपी की गिरफ्तारी से पुलिस की मेहनत सामने आई है।

 

 

 

 

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