विदेश। चीन ने ताइवान पर कब्जा कर उसे अपने में मिलाने के लिए एक ब्लूप्रिंट जारी किया है। इसके लिए वो तटीय क्षेत्र फुजियान और ताइवान के बीच दूरियां कम करना चाहता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी और स्टेट काउंसिल ने ताइवान पर कब्जे और उसके बाद वहां अपनी सत्ता जमाने के लिए फुजियान को प्रैक्टिस जोन बनाया है।
बीजिंग की तरफ से प्लान जारी करने से ठीक पहले एक चीनी एयरक्राफ्ट और करीब 2 दर्जन वॉरशिप ताइवान के पास नजर आए थे। इसके अलावा गुरुवार को भी चीन ने ताइवान के एयर डिफेंस जोन में अपने वॉरशिप्स और एयरक्राफ्ट भेजकर शक्ति प्रदर्शन किया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में चीनी एयरफोर्स के 40 एयरक्राफ्ट ताइवान के दक्षिणी हिस्से में दाखिल हुए।
CNN के मुताबिक, चीन फुजियान में ताइवान के लोगों के लिए घर और बिजनेस सेटल करने की व्यवस्था करेगा। चीन ने ये ब्लूप्रिंट ऐसे समय जारी किया है जब ताइवान में अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं।
दरअसल, चीन एक तरफ अपने वॉरशिप्स और एयरक्राफ्ट भेजकर ताइवान को डराना चाहता है और दूसरी तरफ बिजनेस और सेटलमेंट के मौके देकर उन लोगों को आमंत्रित कर रहा है, जो ताइवान के चीन में मिलने के पक्ष में है।
चीन ने ब्लूप्रिंट में फुजियान आने वाले ताइवान के लोगों के लिए नौकरी और बिजनेस के बेहतर विकल्प देने का वादा किया है। साथ ही उसने इंडस्ट्रियल और कैपिटल को-ऑपरेशन बढ़ाने की भी बात कही है। चीन ताइवान की कंपनियों को अपने स्टॉक एक्सचेंज में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है। ताइवान की कंपनी को चीन में अपने रेडियो और टीवी प्रोडक्शन कंपनी शुरू करने का मौका दिया जाएगा।
इसके अलावा इस ब्लूप्रिंट में ताइवान के आम लोगों और वर्कर्स के लिए फुजियान में बसने के मौकों के बारे में भी बताया गया है। उसने ताइवान के लोगों के लिए प्रांत में रहना और काम करना आसान बनाने के लिए सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ाने का संकल्प लिया है। साथ ही इन लोगों के लिए चीन में प्रॉपर्टी खरीदना, सही इलाज और स्कूलों में दाखिले के प्रोसेस को भी आसान बनाने का जिक्र है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, ब्लूप्रिंट में बताया गया है कि कैसे फुजियान आकर ताइवान के लोगों के लिए विकास के रास्ते बढ़ जाएंगे। बुधवार को ताइवान के एक सांसद वांग टिंग-यू ने चीन के ब्लूप्रिंट को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा- चीन को अपने कर्ज और आर्थिक स्थिति पर ध्यान देने चाहिए, जबकि वो ताइवान पर कब्जा करने के लिए योजना बनाने में लगे हैं।
करीब 1 महीने पहले चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक ताइवान पर हमले के लिए ट्रेनिंग करते नजर आए थे। PLA के 96 साल पूरे होने पर चीन ने स्टेट मीडिया सीसीटीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। इसका नाम झू मेंग या चेसिंग ड्रीम्स था।
इसमें चीनी सेना किसी भी पल जंग के लिए तैयार नजर आई थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, 8 ऐपिसोड की डॉक्यूमेंट्री का मकसद ताइवान की डिफेंस फोर्स के सामने PLA के आत्मविश्वास को दिखाना था।
ताइवान का एयर डिफेंस जोन उसके एयरस्पेस से काफी बड़ा है और कई जगह पर यह चीन के एयर डिफेंस जोन पर ओवरलैप कर जाता है। इसके अलावा सिर्फ एयरस्पेस ही नहीं, बल्कि कहीं-कहीं पर इसमें मेनलैंड भी शामिल है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ताइवान के डिफेंस जोन में चीन की बढ़ती दखलंदाजी उसकी ग्रे जोन रणनीति का हिस्सा है जिससे वह आइलैंड पर दबाव बनाए रखना चाहता है।