लखनऊ में वकीलों का हंगामा, योगी का पुतला फूंकने पर पुलिस ने दौड़ाया, परिवर्तन चौक का इलाका किया ब्लॉक

 

उत्तर प्रदेश में वकीलों की हड़ताल अब उफान पर है। लखनऊ में गुरुवार दोपहर को वकीलों ने पुतला फूंककर प्रदर्शन किया। इस दौरान वकीलों की पुलिस से झड़प भी हुई। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए परिवर्तन चौराहे की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।

 

 

सुबह वकीलों ने आम सभा की। इसमें तय हुआ था कि आज पुतला फूंका जाएगा। दोपहर करीब 1.30 बजे ग्लोब पार्क वाले तिराहा पर बड़ी संख्या में वकील इकट्‌ठा होने लगे। 800 से ज्यादा वकील यहां पहुंच चुके थे। इसी दरम्यान वकीलों का एक गुट यहां पुतला लेकर पहुंचा। पुलिस भी मुस्तैद थी। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगी हुई थीं। पुलिस ने पुतला छीनने का प्रयास किया। लेकिन वकीलों ने पुतले में आग लगा दी। फिर चारों तरफ से घेर लिया।

 

 

इसके बाद पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने एक्शन लेते हुए वकीलों को गाड़ियों में भरकर पुलिस लाइन भेजा। इस वक्त परिवर्तन चौक के आस-पास का एरिया ब्लॉक है। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। यहां अभी भी वकील नारेबाजी कर रहे हैं। उनकी मांग हिरासत में लिए गए वकील साथियों को छोड़ने की है। यहां पुलिस ने पूरा एरिया अपने कब्जे में लिया है।

बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश की तरफ से पूरे प्रदेश में हापुड़ घटना को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया गया। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद एक नई टीम का भी गठन वकीलों के मामले को लेकर किया गया है।

 

 

जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक हापुड़ का ट्रांसफर

दोषी पुलिस कर्मियों, जिन्होंने लाठीचार्ज किया और महिला अधिवक्ताओं को भी पीटने का कार्य किया है, उन पर मुकदमा दर्ज हो।

प्रदेश भर में अधिवक्ताओं के विरुद्ध पुलिस ने मनमाने ढंग से झूठी कहानी बनाकर जो मुकदमे दर्ज किए हैं, उन्हें स्पंज किया जाए।

एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पारित कर तुरंत प्रदेश में लागू किया जाए।

हापुड़ के घायल अधिवक्ताओं को तुरंत मुआवजा दिया जाए।

 

 

 

हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठी चार्ज की घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट, राजस्व परिषद बार एसोसिएशन कैट समेत अन्य न्यायिक संस्थानों में बुधवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने देर रात यह निर्णय लिया है।

उत्तर यूपी बार काउंसिल ने भी न्यायिक कार्य से विरत रहने के निर्णय को 14 सितम्बर तक बढ़ा दिया है। इससे यूपी में फिलहाल दो दिनों तक न्यायिक कार्य नहीं हो सकेगा।बैठक में आशुतोष पाण्डेय, अशोक कुमार त्रिपाठी, स्वर्ण लता सुमन, सर्वेश कुमार आदि कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे।

 

 

 

25 अगस्त दिन शुक्रवार को महिला वकील प्रियंका त्यागी अपने पिता और दो लोगों के साथ हापुड़ से गाजियाबाद जा रही थी। गढ़ रोड के पास एक सिपाही की लेपर्ड बाइक वकील की कार से टकराई। इसके बाद दोनों में कहासुनी हुई। सिपाही का आरोप था कि वह ड्यूटी पर थाने जा रहा था तभी कार ने हार्न बजाया। उसने कार को पास दे दिया लेकिन कार रुक गई। जिसमें से उतरी महिला वकील और उसके साथियों ने मारपीट शुरू कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस सभी पक्षों को लेकर कोतवाली पहुंची। सिपाही की तहरीर पर पुलिस ने प्रियंका और उनके पिता के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।

 

 

 

इस मामले में महिला वकील प्रियंका त्यागी का आरोप था कि सिपाही उन्हें तहसील चौपला से पहले अश्लील हरकतें करते हुए घूर रहा लगातार पीछा करने लगा। इसके बाद हुए विवाद में पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए उनके व परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही बड़ी तादाद में वकील कोतवाली में जुट गए। तब पुलिस ने महिला वकील और उनके पिता को रिहा कर दिया। मामले को शांत मान लिया गया लेकिन वकील इस घटना से आक्रोशित हो उठे।

 

 

 

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