महर्षि विद्या मंदिर के हिंदी पखवाड़ा में हुआ प्रतियोगिता का आयोजन

फतेहपुर। शहर के महर्षि विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी पखवाडा मनाया जा रहा है। विद्यालय में 11 सितंबर सोमवार को कक्षा 6 से आठ तक के बच्चों द्वारा हिंदी भाषा के विकास से संबंधित स्लोगन तैयार किया गया। स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उत्कृष्ट तीन प्रतिभागी आराध्या सिंह परिहार, पारुल यादव,इशिका विश्वकर्मा क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। इसी दिन कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों द्वारा हिंदी साहित्य के महान साहित्यकारों का चित्र बनाया गया उन्होंने हिंदी के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने वाले पोस्टर भी बनाया । पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में अक्षत अग्निहोत्री, आकांक्षा गौतम एवं यश शुक्ला क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे 112 सितंबर मंगलवार को कक्षा नवमी एवं दसवीं के छात्रों के द्वारा “ अनेकता में एकता का भाव जगाती है हिंदी” विषय पर भाषण दिया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 10 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमे सुयश पांडे, साक्षी सचान एवं प्रांसी पटेल प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। गुरुवार को 11वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में कुल आठ प्रतिभागी थे | वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय था” हिंदी के विकास से ही राष्ट्र का विकास संभव है ” । पक्ष में विचार रखने वाले प्रतिभागियों ने जहां हिंदी भाषा के सर्वाधिक प्रयोग पर ज़ोर दिया वहीं विपक्ष में विचार रखने वाले प्रतिभागियों ने अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के विकास पर भी जोर दिया । इस प्रतियोगिता में हिमांशु साहू, प्रवीण कुमार साहू एवं श्रेयसी मिश्रा को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ । कक्षा 9 से 12वीं तक के “बच्चों द्वारा राष्ट्र के माथे की बिंदी है हिंदी ” विषय पर निबंध लिखा गया । इन प्रतियोगिताओ में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खुला मंच प्रदान करता है। बच्चे विद्यालय की गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले । यही वह मंच है जहां बच्चों की प्रतिभा निखरकर सामने आती है । उन्होंने हिंदी भाषा की शुद्धता पर जोर दिया और कहा कि बहुत कम लोग हैं जो शुद्ध हिंदी भाषा में वार्तालाप करते है और लेखन कार्य करते है । उनमें सुधार लाने कि जरूरत है।
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