बादशाह अकबर के समय में कैसे नापी जाती थी जमीन? जानें जरीब के बारे में; सीकरी में शुरू हुई थी ये प्रणाली
बादशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल वित्त मंत्री राजा टोडरमल ने फतेहपुर सीकरी से ही जर-जरीब प्रणाली तैयार की थी। जिससे बीघा- विसा- विश्वांशि में पूरे राज्य का राजस्व अभिलेख तैयार कराया गया था। इन्हीं टोडरमल के लिए भव्य अष्टकोणीय बारहद्वारी स्मारक का निर्माण कराया गया था।
बादशाह अकबर ने विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ,महान विभूतियों को अपने मंत्रिमंडल नवरत्नों में शामिल किया था। इन्हीं में से एक राजा टोडरमल थे। इन्होंने पूरे राज्य की भूमि मापन कराकर राजस्व अभिलेख तैयार कराए थे। इनके लिए अष्टकोणीय बारहद्वारी स्मारक बना था, जो अनदेखी के कारण जर्जर हो गया था। बाद में पुरातत्व विभाग ने कई चरणों में इसके संरक्षण कार्य कर कराकर इसे संरक्षित किया।
संरक्षण के दौरान ही बारहद्वारी के सामने भव्य अष्टकोणीय फव्वारा की संरचना भी निकली है। यह स्मारक बुलंद दरवाजा प्लेटफार्म से दक्षिण दिशा में दूर से ही देखा जा सकता है। हालांकि (उपेक्षित) राजा टोडरमल बारहद्वारी के संरक्षण के बाद भी यहां आने के लिए कोई ठीक से मार्ग नहीं है। जिसके कारण पर्यटक इसे पास से नहीं देख पाते हैं।
राजा टोडरमल स्मारक समिति के अध्यक्ष संजय पुरी ने बताया की राजा टोडरमल स्मारक मार्ग के लिए कई बार शासन-प्रशासन को लिख चुके हैं। मगर रास्ता अब तक नहीं बन पाया है। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया टोडरमल बारहद्वारी के लिए राजस्व विभाग को मार्ग दिए जाने के लिए पत्र लिखे गए हैं। प्रयास किया जा रहा है कि रास्ता बन जाए, जिससे यहां तक पर्यटक पहुंच सकें।