निष्ठा त्रिपाठी हत्याकांड: मकान में निष्ठा के अलावा थे और चार लोग; बीटेक छात्र ने ठिकाने लगाई थी पिस्टल
लखनऊ। बीबीडी की छात्रा निष्ठा त्रिपाठी (23) हत्याकांड में पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। वारदात के वक्त घटनास्थल पर निष्ठा के अलावा चार लोग मौजूद थे। वारदात के बाद मुख्य आरोपी आदित्य देव पाठक के दोस्त व बीबीडी के बीटेक छात्र आदित्य शुक्ला ने पिस्टल (आलाकत्ल) जनेवश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर छह के पास ठिकाने लगाई थी। पुलिस ने पिस्टल बरामद कर उसको भी केस में आरोपी बनाया है। केस में आर्म्स एक्ट और साक्ष्य मिटाने की धारा बढ़ाई है। आदित्य शुक्ला की तलाश जारी है। पुलिस ने जांच में आरोपियों के दो दोस्तों को क्लीनचिट दी है। उधर, आदित्य पाठक शुक्रवार को जेल भेजा गया।
हरदोई निवासी संतोष त्रिपाठी यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक में सीनियर मैनेजर हैं। उनकी बेटी निष्ठा बीबीडी से बीकॉम थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। बुधवार रात को वह चिनहट स्थित दयाल रेजीडेंसी सोसाइटी में किराए पर रहने वाले (मूलरूप से बलिया निवासी) दोस्त आदित्य पाठक के घर पर गई थी। इसी दौरान विवाद के बाद आदित्य ने अवैध पिस्टल से निष्ठा के सीने में गोली मार दी थी। लोहिया अस्पताल में शव छोड़कर फरार हो गया था। पुलिस ने आदित्य पाठक और उसके दोस्त मोनू गौतम को पकड़ा था। आदित्य पाठक को गिरफ्तार कर लिया था।
एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि तफ्तीश में सामने आया कि देवरिया निवासी आदित्य शुक्ला बीबीडी से बीटेक कम्प्यूटर साइंस का थर्ड ईयर का छात्र है और मुख्य आरोपी का करीबी दोस्त है। जब आदित्य पाठक व मोनू खून से लथपथ निष्ठा को अस्पताल ले गए थे तो दूसरी तरफ आदित्य शुक्ला पिस्टल को ठिकाने लगाने गया था। उसने जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर एक के पास झाड़ियों में पिस्टल फेंकी थी। आदित्य शुक्ला की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। देवरिया में भी दबिश दी गई है।
जिस मकान में आदित्य पाठक किराये पर रहता था, उसके एक कमरे में मोनू भी रहता था। शुक्रवार को पुलिस ने घटना से संबंधित एक प्रेसनोट जारी किया। इसमें बताया गया कि जब निष्ठा को आदित्य पाठक ने गोली मारी तो वहां दूसरे कमरे में मोनू, आदित्य शुक्ला और अभिषेक नायक भी थे। मोनू व आदित्य पाठक निष्ठा को लेकर अस्पताल गए थे। आदित्य शुक्ला पिस्टल छिपाने चला गया था। एडीसीपी के मुताबिक तफ्तीश में स्पष्ट हुआ कि मोनू और अभिषेक नायक की घटना में संलिप्तता नहीं है। हालांकि दोनों की मौजूदगी सवाल खड़े करती है।
इलाकाई निवासी आसिफ नाम का शख्स इसी साल फरवरी में हत्या की कोशिश में जेल गया था। तब उसने पिस्टल से फायरिंग की थी। जांच में सामने आया कि आसिफ और उसका परिचित अखंड प्रताप सिंह एक दिन आदित्य पाठक के घर गए थे। तब आसिफ ने उसको पिस्टल रखने के लिए दी थी। एडीसीपी ने बताया कि इन दोनों की भूमिका जांची जा रही है, जिसकी संलिप्तता मिली उसको आरोपी बनाया जाएगा। आसिफ एक दूसरे मामले में जेल में बंद है।