न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा।देश के कई राज्यों में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो रहा है इसलिए उत्तर प्रदेश में भी लागू हो इसके लिए संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ के बैनर तले दो दिवसीय पत्रकारों का हस्ताक्षर अभियान शहर में चलाया गया।जिसमे से 70 पत्रकारों ने अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किया।संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ बुंदेलखंड प्रभारी इकबाल खान ने बताया कि देश में कई राज्यों में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो रहा है,फिर भी उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो उसके लिए बांदा जनपद के मुख्यालय में पूर्व नियोजित दो दिवसीय पत्रकारों का हस्ताक्षर अभियान चलाया गया है जिसमे से जनपद के लगभग 70 पत्रकारों ने अपनी सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किया है।उन्होंने बताया कि पत्रकारों की 25 मांगों को जिला अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार,राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा गया है।इस समय पत्रकारों की हो रही हत्या,हमला,प्रताड़ना,जान-माल की क्षति तथा असुरक्षा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना चाहिए।
पत्रकारों की प्रमुख मांगे खबर पालिका गठित की जाय तथा पत्रकारिता को लोकतंत्र के प्राथमिक आधारभूत स्थायी स्तम्भ का संवैधानिक दर्जा देकर कानूनी मान्यता दी जाय।पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू किया जाय।पत्रकारिता विकास निगम व मिशन बनाया जाय।समाचार पत्रों ,मीडिया संस्थानों एवं सूचना संचार प्रचार-प्रसार माध्यमों को स्वायत्त,स्वावलम्बी तथा आत्म निर्भर बनाया जाय।अखबार व मीडिया की वैयक्तिक वंशानुगत स्वत्वाधिकार कुप्रथा समाप्त कर कार्यरत पत्रकारों समाचार पत्र-मीडिया कर्मियों की सहकारी प्रकाशन व प्रसारण समिति को प्रबंधन एवं संचालन व्यवस्था सौंपी जाय।पत्रकारों की माँगों पर विचार करने तथा पत्रकारिता के सर्वांगीण विकास के लिये मंत्रिमण्डलीय समिति का गठन किया जाय।पत्रकारों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर विभिन्न स्तरीय मान्यता देने की सुस्पष्ट सरल पारदर्शी प्रक्रियाअपनायी जाय,नियम व पात्रता को आसान एवं व्यवहारिक बनाया जाय तथा पात्र पत्रकारों को मान्यता प्रदान की जाय।साथ ही शासन की घोषणानुसार दो-दो वर्षीय ही मान्यता देने व नवीनीकरण की स्वत: व्यवस्था की जाये।पत्रकार पेंशन केन्द्र व प्रदेश और राशि न्यूनतम 15हजार रु.मासिक की जाय एवं आजीवन प्रदान करने के अतिरिक्त मृत्यु पर पत्नी या पति को जीवन काल का गुजारा दिया जाय।पत्रकार आवास सुविधा दी जाय एवं भूखण्ड व भवन उपलब्धता सुनिश्चित कर मालिकाना हक देने हेतु सरकार की गारण्टी पर ब्याज मुक्त रियायती ऋण दीर्घावधि की न्यूनतम आसान किश्तों में वापसी सुविधा पूर्वक दिया जाय।जीवन बीमा,समूह दुर्घटना बीमा की राशि 15लाख रु.की जाय तथा प्रीमियम की पूरी रकम शासन द्वारा अदा की जाय और कैशलेस चिकित्सा की सीमा भी 15लाख रु.की जाय।पत्रकारिता के क्षेत्र में स्थापित पुरस्कारों तथा सम्मानों की संख्या व राशि बढ़ाई जाय एवं चयन की निष्पक्ष पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाय।पत्रकारों की मृत्यु ,हमला या दुर्घटना में अपंगता की दशा में अथवा प्रताड़ना के मामलों में पीड़ित व प्रभावित पत्रकार को समुचित क्षतिपूर्ति राहत सहायता राशि प्रदान की जाय।शासकीय व अर्ध शासकीय समितियों संस्थाओं एवं निकायों में हर स्तर पर पत्रकारों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाय।पत्रकारों के बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा सुविधा दी जाय तथा शीर्ष शिक्षा संस्थानों में प्रवेश हेतु कुछ स्थान सुरक्षित रखा जाय।सभी शासकीय सेवाओं तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पत्रकार परिवार को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर कुछ स्थान आरक्षित रखा जाय।पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला,शोध,अध्ययन,भ्रमण ,खोज हेतु प्रोत्साहन देकर व्यय भार वहन करने के साथ ही प्रकाशन-प्रसारण में आर्थिक सहायता दी जाय।राज्य,मंडल व जिला स्तर पर त्रिपक्षीय बैठकों का नियमित आयोजन हो।उ.प्र.शासन के द्वारा पत्रकार पंचायत बुलाई जाय।हर स्तर पर मान्यता समितियों का पुनर्गठन हो तथा वास्तविक पत्रकारों का प्रतिनिधित्व हो।नई विज्ञापन नीति बने तथा लघु/मध्यम दैनिक -साप्ताहिक पाक्षिक मासिक पत्र-पत्रिकाओं को विशेष प्रोत्साहन विज्ञापन दिया जाय।पत्रकारों से जुड़े मामलों पर जाँच कार्यवाही बावत गृह मंत्रालय के पूर्व परिपत्र को अद्यतन कर पुन:जारी किया जाय।श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम पर आधारित नियमों का पालन हो,मजीठिया आयोग के अनुसार वेतन मान सुविधा दी जाय और नया वेतन आयोग गठित किया जाय तथा संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ को मान्यता प्रदान कर सब भाँति महत्व दिया जाय।पत्रकारों को तहसील, जिला, राज्य स्तरीय मान्यता का उन्नयन कर राष्ट्रीय स्तर की भी मान्यता प्रदान की जाये।मान्यता प्राप्त पत्रकारों की रेल यात्रा सुविधा बहाल हो तथा विशेष रियायती विमान यात्रा सुविधा भी प्रदान की जाये।सरकारी बसों में रियायती यात्रा सुविधा दी जाए और निजी बस/टैक्सी से यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति की जाय।शासन – प्रशासन और पत्रकारों के बीच समन्वय हेतु उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की जाकर पत्रकार महासंघ का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाय।